श्रीश्री से मिलने के बाद बोले रिजवी- फसाद की बात करने वाले मौलानाओं का महत्व नहीं

asiakhabar.com | October 31, 2017 | 3:21 pm IST
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बेंगलुरु। राम मंदिर मुद्दे के समाधान के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर द्वारा मध्यस्थता की खबरों के बीच यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चीफ वसीम रिजवी ने उनसे मुलाकात की।

मुलाकात के बाद रिजवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरा देश श्री श्री रविशंकर का सम्‍मान करता है, मैं इस बात को लेकर निश्‍चिंत हूं कि मुद्दा सुलझ जाएगा। मैंने श्री श्री रविशंकर से आग्रह किया है कि वार्ता केवल उनके साथ ही होगी जो समझौता चाहते हैं।‘

इस दौरान रिजवी ने मौलानाओं पर भी निशाना साधा और कहा कि आवाम सहमत है उन मौलानाओं की बयान को हम महत्‍व नहीं देते जो इस वक्‍त फसाद की बात कर रहे हैं। उनका कोई लीगल स्‍टेटस नहीं।

रिजवी ने कहा कि देश में शांति चाहने वाले इस कदम की तारीफ कर रहे हैं और जो हिंसा चाहते हैं इसका विरोध कर रहे हैं। रामजन्म भूमि पर अब कोई मस्जिद नहीं सिर्फ मंदिर है।

बता दें कि आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने पहले कहा था कि गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर राम मंदिर विवाद का कोर्ट के बाहर समाधान निकालने में जुटे हैं। इसके लिए वे निर्मोही अखाड़ा के आचार्य रामदास समेत कई इमामों और हिंदू धर्मगुरुओं के संपर्क में हैं।

फाउंडेशन के अनुसार, गुरुदेव का मानना है कि राम मंदिर मुद्दे को सुलझाने के लिए दोनों समुदाय के लोगों को आगे आने का अवसर देना चाहिए। दोनों समुदाय अपनी उदारता दिखाते हुए इस मुद्दे को मिलकर कोर्ट के बाहर ही सुलझा सकते हैं। फाउंडेशन ने कहा है कि यह वार्ताएं किसी सरकार या संगठन की ओर से नहीं कराई जा रही हैं। इस बातचीत का मकसद दोनों समुदाय के नेताओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है।

उल्‍लेखनीय है कि राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य पूर्व सांसद राम विलास वेदांती का कहना है कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने में श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता उन्हें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। रविवार को कल्कि महोत्सव में हिस्सा लेने आये वेदांती ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कभी भी इस आंदोलन में शामिल नहीं रहे इसलिये उन्हें उनकी मध्यस्थता मंजूर नहीं।


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