नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही बृहस्पतिवार को
अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और इस दौरान राज्यसभा में 99.80 प्रतिशत कामकाज हुआ।
राज्यसभा सचिवालय ने यह जानकारी दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सदन 100 प्रतिशत कामकाज की उपलब्धि
हासिल करने में 10 मिनट से चूक गया। उच्च सदन ने इस सत्र के दौरान 23 प्रतिशत समय का उपयोग सरकारी
विधेयकों पर चर्चा के लिए किया वहीं 37.50 प्रतिशत समय का उपयोग अन्य चर्चा के लिए किया गया।
सरकारी विधायी कार्य के लिहाज से अहम इस सत्र में चार मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा पर हुयी जो पिछले 12
साल में सबसे बेहतर है। इसके अलावा उच्च सदन में 11 विधेयक पारित किए गए जबकि एक विधेयक पेश किया
गया। उच्च सदन का मौजूदा सत्र कामकाज के लिहाज से वर्ष 2017 के मानसून सत्र (243वें सत्र) के बाद से
पिछले 14 सत्रों के दौरान तीसरा सबसे अच्छा सत्र रहा।
सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें निर्धारित थीं और राज्य सभा की कुल 27 बैठकें हुईं। बजट सत्र के पहले चरण में 10
और आज समाप्त हुए दूसरे चरण में 17 बैठकें हुईं। सदन में विभिन्न दलों के नेताओं के सुझावों पर होली और
रामनवमी से पहले दो बैठकें रद्द कर दी गईं।
बजट सत्र की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई और पहली 12 बैठकों के दौरान बिना किसी व्यवधान के
कामकाज हुआ। पिछले करीब तीन साल के दौरान यह सबसे अच्छा दौर रहा। सत्र के दूसरे चरण के दौरान, छह
दिन हंगामे के कारण कामकाज बाधित हुआ और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सत्र के दौरान 11 दिन बैठक
निर्धारित समय से अधिक समय तक चली और 27 में से 21 बैठकें हंगामे व व्यवधान से मुक्त रहीं।
निर्धारित समय 127 घंटे 54 मिनट के बीच सदन में 127 घंटे 44 मिनट तक कामकाज हुआ। अगर इस 10
मिनट का नुकसान नहीं होता तो सदन में हुए कामकाज का प्रतिशत 100 तक पहुंच जाता। व्यवधानों के कारण 9
घंटे 26 मिनट का समय बर्बाद हो गया वहीं सदन में 9 घंटे 16 मिनट अतिरिक्त कामकाज हुआ और सदस्यों ने
निर्धारित घंटों से अधिक समय तक बैठकर चर्चा में भाग लिया।
सदस्यों ने रेलवे, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास, जनजातीय मामलों और श्रम एवं रोजगार मंत्रालयों के कामकाज पर कुल
22 घंटे 34 मिनट चर्चा की। 2010 में पांच मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा के बाद पिछले 12 वर्षों में यह इस
संबंध में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। सत्र के दौरान 37 प्रतिशत समय राष्ट्रपति अभिभाषण, बजट और चार मंत्रालयों
के कामकाज पर खर्च हुआ। वहीं 23 प्रतिशत समय सरकारी विधेयकों और 10 प्रतिशत लोक महत्व के विभिन्न
मुद्दों को उठाने पर खर्च किया गया।
इस सत्र के दौरान, राज्यसभा ने 11 विधेयकों को मंजूरी दी जिनमें विनियोग और वित्त विधेयकों जैसे छह विधेयक
शामिल हैं जिन्हें चर्चा के बाद लौटाया गया। इस दौरान सूचीबद्ध 360 प्रश्नों में से 135 तारांकित प्रश्नों (37.50
प्रतिशत) के मौखिक उत्तर दिए गए। सदस्यों ने शून्यकाल में 248 और विशेष उल्लेख के जरिए 168 मुद्दों को
उठाया। इस सत्र के दौरान सदन में 99.80 प्रतिशत कामकाज हुआ जबकि 2019 के मानसून सत्र (249वें) और
2020 के मानसून सत्र (252वें) के दौरान 100 प्रतिशत या उससे कामकाज हुआ था। पिछले साल के बजट सत्र में
94 प्रतिशत कामकाज हुआ था।