मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एकनाथ खडसे राजनीतिक नेताओं के फोन की
कथित अवैध टैपिंग के सिलसिले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ दर्ज मामले में गवाह के
तौर पर अपना बयान दर्ज कराने के लिए बृहस्पतिवार कोलाबा पुलिस के सामने पेश हुए।
एक अधिकारी ने बताया कि खडसे पूर्वाह्न करीब 11 बजे दक्षिण मुंबई के कोलाबा थाने पहुंचे, जहां उनका बयान
पुलिस निरीक्षक स्तर का एक अफसर दर्ज कर रहा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत पर शुक्ला के
खिलाफ मार्च में कोलाबा थाने में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के
तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि शुक्ला ने पूर्व भाजपा नेता खडसे और
शिवसेना सांसद संजय राउत के नम्बरों को निगरानी सूची में डाला था।
पुलिस ने कहा था कि कथित अवैध फोन टैपिंग तब हुई थी जब शुक्ला राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की
प्रमुख थी। शिकायत के अनुसार, खडसे का फोन 2019 में कथित तौर पर दो बार टैप किया गया था, जब वह
भाजपा के साथ थे। वह अक्टूबर 2020 में राकांपा में शामिल हुए थे। पुलिस अधिकार ने कहा कि खडसे के अलावा,
शिवसेना नेता संजय राउत का फोन भी महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार के गठन के दौरान (नवंबर 2019 में)
टैप किया गया था।
उन्होंने बताया कि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर शुक्ला के
खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने बताया, “मामले की जांच जारी है। कोलाबा पुलिस ने मामले में
गवाह के तौर पर बयान दर्ज करने के लिए खडसे को बुलाया था। इसी के तहत राकांपा नेता थाने आए, जहां उनका
बयान दर्ज किया जा रहा है।”
शुक्ला फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की अतिरिक्त
महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। पुणे पुलिस ने शुक्ला के खिलाफ राज्य में भाजपा नीत सरकार के दौरान कांग्रेस
नेता नाना पटोले का फोन भी कथित रूप से अवैध तरीके से टैप करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। पटोले अब
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं।