कीव। यूक्रेन के बूचा में रूसी सेना द्वारा नरसंहार के विरोध के माहौल के बीच राष्ट्रपति
वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने और लड़ाई के लिए और हथियार देने की सहयोगी देशों से
अपील की है। जानकारी के अनुसार अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने रूस पर नए प्रतिबंधों के लिए तैयारी
की है। जिसकी घोषणा जल्द संभव है।
इधर, बुधवार को डोनेस्क के वुहलेडर कस्बे में राहत सामग्री वितरण केंद्र रूसी गोलाबारी की चपेट में आ गया।
इससे दो महिलाओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क और लुहांस्क पर पूरी
तरह से कब्जा करने के लिए वहां पर रूसी हमले जारी हैं। मारीपोल में भी भीषण लड़ाई जारी है। वहां पर रूसी
हवाई हमले भी हो रहे हैं। इनसे 90 प्रतिशत से ज्यादा शहर की दुर्दशा हो रही है। इस माहौल में वहां पर अभी एक
लाख से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं जिन्हें खाने-पीने के सामान और अन्य जरूरी सामान की किल्लत है।
इस बीच अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन ने रूस पर नए प्रतिबंधों की तैयारी कर ली है। इन प्रतिबंधों के
तहत रूस में निवेश करने वाली कंपनियों को निशाना बनाया जाएगा। ये प्रतिबंध यूक्रेन के बूचा कस्बे में बर्बरता के
बाद मारे गए चार सौ से ज्यादा लोगों के शव मिलने के मद्देनजर लगाए जाएंगे। इन हत्याओं का आरोप रूसी
सेना पर लग रहा है जबकि रूस और वहां की सरकार समर्थक मीडिया ने बूचा के नरसंहार के लिए रूस को
जिम्मेदार ठहराने को झूठा दुष्प्रचार बताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।
उधर, वेटिकन में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने बूचा कस्बे से लाया गया यूक्रेन का राष्ट्रध्वज चूमकर वहां हुए
नरसंहार की निंदा की और वहां शीघ्र शांति की कामना की। पोप ने यूक्रेन से आए छह बच्चों का मंच पर बुलाकर
स्वागत किया और उन्हें उपहार दिए। उन्होंने कहा कि ये बच्चे अब सुरक्षित स्थान पर आ गए हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बूचा में हुई नरसंहार की घटना की जांच में तकनीक सहयोग देने के लिए तैयार
हो गए हैं। इस नरसंहार का रूसी सेना पर आरोप है। यह जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दी है।
रूस के राजनयिकों का निष्कासन
ग्रीस ने 12 और नार्वे ने तीन रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की है। इससे पहले फ्रांस,
नीदरलैंड्स, बेल्जियम, इटली, स्वीडन, स्पेन और डेनमार्क इसी तरह की घोषणा कर चुके हैं। रूस ने जवाबी कार्रवाई
करने की बात कही है लेकिन यह भी कहा है कि वह पश्चिमी देशों के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखना चाहता
है।
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हंगरी विरोधी बयानबाजी पर विरोध जताने के लिए बुधवार को हंगरी के
विदेश मंत्रालय ने राजधानी बुडापेस्ट में मौजूद यूक्रेन के राजदूत को तलब किया। यूक्रेन के पड़ोसी और नाटो के
सदस्य देश हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सजीरातो ने बताया है कि राजदूत से कहा गया है कि हम रूसी हमले की
निंदा करते हैं, हम यूक्रेन की संप्रभुता के पक्षधर हैं लेकिन यह हमारा युद्ध नहीं है। हम इसमें शामिल होना नहीं
चाहते। इसलिए यूक्रेन के नेता बयानबाजी में संयम बरतें।