क्या आपके मित्र, आपके पास बैठने से कतराते हैं? सफर कते समय अगल-बगल में बैठे लोग नाक पर रूमाल रख
आप से बातचीत करते हैं? लोगों के इस व्यवहार को चेतावनी समझें। जरूर आपके मुंह से आती दुर्गन्ध इसकी
वजह है। आप चाहें तो इससे छुटकारा पा सकती है।
अपनी जीभ रोज साफ करें:- भोजन करते समय अधिकांश हिस्सा चबाने की प्रक्रिया के माध्यम से पेट में चला
जाता है, पर एक हल्की-सी परत जीभ पर चिपकी रह जाती है। दिन भर में वह परत जीभ पर जमते-जमते मोटी
हो जाती है, इसी वजह से जीभ का रंग दूधिया दिखने लगता है। इसे नियमित रूप से साफ करना आवश्यक है।
मुंह की बाहरी व भीतरी सफाई पर ध्यान दें:- सुबह की चाय, नाश्ता, लंच व डिनर के बाद, सोने से पहले नियमित
तौर पर कुल्ला करें और दांत, जीभ मसूड़ें साफ करने का रूटीन बना लें। दांतों और मसूड़ों में चिपका भोजन का
अंश बैक्टीरिया पनपने के लिये एक कारण हो सकता है। दांतों का सड़ना, टूटना, दुखना मुंह से दुर्गन्ध आना आदि
कारण कई रोगों की चेतावनी है। इससे बचने के लिए मुंह की आंतरिक सफाई रोज नियम से करें और बच्चों से भी
करवायें।
दुर्गन्धनाशक का प्रयोग करें:- जिस तरह परफ्यूम, इत्र लगाने से पसीने की बदबू दूर हो जाती है और आप तरोताजा
महसूस करने लगती हैं, उसी तरह दुर्गन्धनाशक द्रव से मुंह में कुल्ला करने से आप पूरा दिन फ्रेश महसूस कर
सकती हैं। ब्रश करने के बाद इस द्रव से कुल्ला करें और थूक दें। ऐसा करने से दांतों व मसूड़ें में बैक्टीरिया पनप
नहीं पाता जिस वजह से बदबू आनी बंद हो जाती है।
मुंह में नमी बनाये रखें:- मुंह के अंदर जो लार बनती रहती है, वह भोजन को पचाने में बहुत सहायक होती है।
सूखे मुंह में बदबू आने की संभावना अधिक रहती है। वही कारण है कि रात की नींद के बाद सुबह मुंह से बदबू
आती है। यदि आपके मुंह में लार कम मात्रा में बनती हो तो चुइगंम चबाते रहने से नमी कायम रखी जा सकती
है। दिन में एक सेब खाने से उसके गूदे के माध्यम से दांतो व मसूड़ों में चिपका भोजन निकल जाता है और जीभ
भी साफ हो जाता है।