तेलिन। उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के दौरे पर आए महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग
ने मौजूदा यूक्रेन संकट को हल करने के लिए राजनयिक प्रयासों पर जोर दिया है।
स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को एस्टोनियाई प्रधानमंत्री काजा कैलास और उत्तरी एस्टोनिया में तापा आर्मी बेस में
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यूक्रेन में युद्ध को तत्काल रोकने रूसी सेना की वापसी और
राजनयिक प्रयासों को शामिल करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, पिछले हफ्तों में यूक्रेन पर रूस के हमलों के जवाब में हमने हवा में जमीन पर और समुद्र में अपनी
रक्षात्मक उपस्थिति बढ़ा दी है।
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, 30 अलग-अलग स्थानों से 100 से अधिक जेट हाई अलर्ट पर हैं और बाल्टिक सागर से
भूमध्य सागर तक 120 से अधिक जहाज हैं। साथ ही ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य सहयोगी पूर्वी हिस्से में हजारों
और सैनिकों को तैनात कर रहे हैं।
नाटो प्रमुख ने कहा, इतिहास में पहली बार हम नाटो प्रतिक्रिया बल की तैनाती कर रहे हैं।
तास समाचार एजेंसी ने मंगलवार को सूत्रों के हवाले से बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता का दूसरा
दौर बुधवार को हो सकता है।
वार्ता का पहला दौर लगभग पांच घंटे तक चला, जो सोमवार को बेलारूस के गोमेल क्षेत्र में संपन्न हुआ, जिसमें
कोई स्पष्ट सफलता नहीं मिली।
एस्टोनियाई पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग ने मंगलवार को बताया कि ब्रिटिश सेना की रॉयल वेल्श इन्फैंट्री रेजिमेंट के 900
से अधिक सदस्य और लगभग 200 डेनिश सैनिक अपने वाहनों और उपकरणों के साथ नाटो बैटलग्रुप एस्टोनिया में
तापा आर्मी बेस में शामिल होंगे।
एस्टोनिया के राष्ट्रपति एलार केरिस ने पहले दिन तेलिन हवाई अड्डे पर स्टोलटेनबर्ग से मुलाकात की।
स्टोलटेनबर्ग ने भी मंगलवार को लास्क एयरबेस के दौरे के साथ पोलैंड की यात्रा की।