नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकार का गठन किया जो
बांधों से जुड़े हादसों की रोकथाम, उनकी सुरक्षा और अंतर राज्यीय मुद्दों के समाधान का कार्य करेगा।
बांध सुरक्षा विधेयक को पिछले वर्ष 8 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिली थी। इसमें बांध टूटने से संबंधित
आपदाओं की रोकथाम के लिए निर्धारित बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन और रखरखाव का प्रावधान करता
है। इसमें भारतीय बांध सुरक्षा समिति और राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण गठित करने तथा बांधों की सुरक्षा
सुनिश्चित करने के लिए संस् थागत तंत्र उपलब् ध कराने का भी प्रावधान है।
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि, ‘‘ केंद्र सरकार एक
प्राधिकार का गठन कर रही है जिसे राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकार के नाम से जाना जायेगा। यह कानून के तहत
राष्ट्रीय प्राधिकार के रूप में अपनी शक्तियों का उपयोग करेगा और दायित्वों का निर्वाह करेगा। ’’
इसमें कहा गया है कि, ‘‘ इसे 18 फरवरी 2022 को नियुक्त किया गया है और यह इस दिन से प्रभाव में आयेगा।
’’
अधिसूचना के अनुसार, इस प्राधिकार के प्रमुख एक अध्यक्ष होंगे और उनकी सहायता पांच सदस्य करेंगे जो इसकी
पांचों इकाइयों का नेतृत्व करेंगे। इनमें नीति एवं शोध, तकनीकी, नियमन, आपदा और प्रशासन एवं वित्त इकाई
शामिल है।
इस प्राधिकार का मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होगा और इसके सहयोग के लिये चार क्षेत्रीय कार्यालय होंगे।
केंद्र सरकार ने बांध सुरक्षा पर एक 22 सदस्यीय राष्ट्रीय समिति का गठन किया है जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय जल
आयोग के अध्यक्ष करेंगे।
मंत्रालय के अनुसार, हमारे देश में करीब 5,700 बड़े बांध हैं, जिनमें से करीब 80 प्रतिशत बांध 25 वर्ष से भी
ज़्यादा पुराने हैं। देश में करीब 227 ऐसे बांध हैं, जो 100 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं।