इजरायल के साथ तुर्की के कमजोर होते संबंधों का मतलब फिलीस्तीनी नीति में बदलाव नहीं: विदेश मंत्री

asiakhabar.com | February 12, 2022 | 11:33 am IST
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अंकारा। तुर्की के इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने के कदम का मतलब अंकारा की
फिलिस्तीनी नीति में बदलाव नहीं होगा। ये जानकारी तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने दी। कैवुसोग्लू ने
गुरुवार को सरकारी टीआरटी हैबर ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए कहा, इजरायल के साथ हमारे संबंधों को सामान्य
करने का मतलब यह नहीं है कि जेरूसलम, फिलिस्तीनी और मस्जिद अल-अक्सा (अल-अक्सा मस्जिद) पर हमारे
बुनियादी पदों को छोड़ दिया जाए। हम फिलीस्तीनी कारण की कीमत पर अपने संबंधों को सामान्य नहीं करेंगे।
जून 2021 में बाद में एक नई सरकार के गठन के बाद तुर्की ने इजरायल के साथ एक नई बातचीत शुरू की।
कैवुसोग्लू ने टीआरटी हैबर को बताया कि अपने इजरायली समकक्ष को इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के लिए दो-
राज्य समाधान में भी विश्वास करता है। उन्होंने कहा, तुर्की दो-राज्य समाधान में योगदान देगा जैसा कि उसने
पहले भी दोनों पक्षों के साथ संपर्क करके किया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में तुर्की
के नेतृत्व वाले सहायताफ्लोटिला पर इजरायल के घातक हमले के बाद से तुर्की के इजरायल के साथ संबंध
खराब हो गए हैं। सुलह के प्रयासों से दोनों देशों के बीच संबंधों की पूर्ण बहाली नहीं हुई क्योंकि तुर्की के राष्ट्रपति
तैयप एर्दोगन फिलिस्तीनी कारण के मुखर समर्थक हैं। साल 2018 में एक और हालिया विवाद में जब अमेरिका ने
अपने दूतावास को यरूशलेम में स्थानांतरित कर दिया तो तुर्की ने अंकारा से इजरायल के राजदूत को निष्कासित
कर दिया। दोनों देश हाल के महीनों में मेलजोल पर काम कर रहे हैं और एर्दोगन ने इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक
हजरेग के साथ फोन पर बातचीत की।


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