एक्ट्रेस द्वारा ब्रा पर दिया गया ब्यान कितना सही कितना गलत

asiakhabar.com | February 4, 2022 | 3:08 pm IST
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-विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन-
अभिनेत्री श्वेता तिवारी द्वारा दिया गया ब्यान समाचार पत्रों में पढ़ा और उस पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा
कार्यवाही की जाना कितना उचित होगा। ?

हर जीव का जन्म भगवान् की कृपा से ,माता पिता के संपर्क से होता हैं। ऐसे लाखों लोग हैं या स्त्री पुरुष हैं
जिनका जन्म भगवान् की कृपा से और माता पिता के संपर्क से होने के बाद भी संतान हीन हैं इसमें किसका दोष
हैं। यानी दोनों होते हुए भी संतान नहीं पैदा कर पाते हैं। इसका मुख्य कारण स्त्री- पुरुष में शारीरिक कमी होने से
या ईश्वर की मर्ज़ी न होने पर।
वैसे संसार की रचना भगवान् द्वारा की जाती हैं, जब जब कण कण में भगवान् होते हैं फिर जीवित जीव को तो
भगवान संचालित करते हैं। जब हम ईश्वरीय शक्ति पर इतना विश्वास करते हैं तब हमारे शरीर के अंग प्रत्यंगों का
निर्माण भी उनके द्वारा होता हैं। यह बात जरूरी हैं की इनके विकास में हमारे खानपीन का बहुत महती योगदान
हैं। जैसा हमारा खाना पीना रहन सहन होता हैं वैसा विकास भी होता हैं।
वैसे हर स्त्री -पुरुष की संरचना जन्म के समय सामान्य होती हैं पर जो जो विकास होता जाता हैं वैसे वैसे परिवर्धन
और परिवर्तन होता हैं। वैसे हर व्यक्ति के शरीर का माप अलग अलग होता ही हैं और उनको अपनी फिटिंग के
अनुरूप माप देना और लेना पड़ता हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं रहती हैं।
मानव की आँखे सब कुछ भांप और जान लेती हैं। मनुष्य की निगाहों से कुछ नहीं बचा हैं और यह कोई नई और
अजीब बात नहीं हैं। जब कोई कलाकार किसी की मूर्ति बनाता हैं और वह मूर्ति पसंद भी की जाती हैं जो
समानुपातिक हो ,बेढंगी मूर्ति ,फोटो ,कलाकार को कोई पसंद नहीं करता।
फ़िल्मी दुनिया में हर कोण से सब आनुपातिक देखी और बनाई और बनवाई जाती हैं जो समयानुसार परिवर्तनशील
होती हैं। अभिनेत्री का कथन अशोभनीय नहीं हैं। उन्होंने ठीक कहा उनका साइज़ भगवान् और चलित भगवान
(डायरेक्टर प्रोडूसर एक्टर,फोटोग्राफर )के अनुसार बनाये जाते हैं। आज कॉस्मेटिक सर्जरी के कारण अपने मुताबिक
परिवर्तन भी किया जाता हैं तब भगवान् का मापदंड बिगड़ जाता हैं ।
हर नौजवान इन सब बातों से अनजान नहीं होता हैं । इसलिए अनेकांतवाद के अनुसार यह भी सही हैं और वह भी
सही हैं। भगवान् ही नहीं बनाते ,हमारा भी योगदान होता हैं।
मन पसंद सरकार को इन तुच्छ बातों में समय न बिगाड़ कर रचनात्मक कार्यों में तन ,मन धन और जन लगाना
चाहिए।


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