नई दिल्ली। फ्लैट खरीदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह से जवाब मांगा है। करीब 700 लोगों ने इस समूह की परियोजना में अपने लिए फ्लैट बुक कराया था। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानवीलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रियल एस्टेट कंपनी को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि आम्रपाली के प्रमोटरों के बिना अनुमति देश छोड़ने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। फ्लैट खरीदारों के वकील प्रशांत भूषण ने अंतरिम आदेश की मांग की। उन्होंने कहा कि फ्लैट खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए कंपनी को राशि जमा करने के लिए कहा जाए।
इसके जवाब में पीठ ने कहा कि एक अन्य मामले में हम प्रमोटरों को बिना अनुमति देश से बाहर जाने पर रोक लगा चुके हैं। भूषण ने कहा कि फ्लैट खरीदारों को न तो कब्जा मिला है और न ही उन्हें पैसे वापस मिले हैं।
13 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह, उसके प्रमोटरों और वित्त मंत्रालय को एक अन्य याचिका पर नोटिस जारी किया था। अदालत ने प्रमोटरों को उसकी अनुमति के बगैर देश नहीं छोड़ने के लिए कहा था। आम्रपाली सिलिकॉन सिटी फ्लैट ओनर्स वेलफेयर सोसाइटी ने एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ पहले याचिका दायर की थी।