वैज्ञानिकों के मुताबिक मशरूम एक ऐसे एंटी-ऑक्सीडैंट का मुख्य प्राकृतिक स्रोत है जो कई घातक बीमारियों से
बचाता है। इस्तेमाल में सबसे अधिक आने वाली मशरूम की प्रजाति पोर्टाबेलास एवं क्रिमिनिस जटिल बीमारियों
से मुक्ति दिलाने वाली एंटी-आक्सीडैंट इर्गाेथायोमीन के मुख्य स्रोत हैं।
मैडीकल न्यूज टुडे द्वारा प्रकाशित एक समाचार के अनुसार मशरूम कई पोषक तत्वों से भरपूर है। मशरूम की
सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे गर्म करने या भूने जाने पर भी इसमें विद्यमान इर्गाेथायोमीन एंटी-आक्सीडैंट
की मात्रा में कमी नहीं आती। यह एंटी-आक्सीडैंट मानव शरीर में सेलआक्सीडेशन की प्रक्रिया को सीमित कर ऊर्जा
का संरक्षण करता है।
मशरूम पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोग रोधक सुपाच्य खाद्य पदार्थ है। मशरूम को
प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। शाकाहारियों के लिए यह प्रोटीन उपलब्ध कराने का साधन है। मशरूम में
स्वास्थ शरीर के लिए सभी प्रमुख खनिज तत्व जैसे -पोटैशियम, फास्फोरस, सल्फर, कैलिशयम, लोहा, तांबा,
आयोडीन और जिंक आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह खनिज अस्थियों, मांसपेशियों, नाड़ी संस्थान की
कोशाओं तथा शरीर की क्रियाओं में सक्रिय योगदान करते हैं।
-ताजे मशरूम में पर्याप्त मात्रा में रेशे व कार्बाेहाइड्रेट तन्तु होते हैं। जो कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट
के विभिन्न विकारों को दूर करते हैं साथ ही शरीर में कोलेस्ट्राल एवं शर्करा के अवशोषण को भी कम करते हैं।
-मशरूम में सोडियम साल्ट नहीं पाया जाता इसलिए मोटापे, गुर्दा तथा हदय घात के रोगियों के लिए यह आदर्श
आहार है।
-मशरूम उच्चरक्तचाप को नियंत्रित करता है।
-मशरूम का सेवन करने से मोटापा कम होता है।
-रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए प्रतिदिन मशरूम का सेवन करें।
-पैरालाइसिस के रोगियों के लिए मशरूम बहुत लाभदायक है।
-स्टार्च की मात्रा न होने से मधुमेह रोगियों के लिए मशरूम एक आदर्श आहार है।