काबुल। संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों की प्रमुख ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ तालिबान
अधिकारियों समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से इस विषय पर ‘‘साफ और उपयोगी’’ वार्ता की है कि ‘‘ एक समावेशी,
मानवाधिकार संबंधी दायित्वों का पालन करने वाले और आतंकवाद को काबू करने में एक मजबूत साझेदारी वाले
अफगानिस्तान के निर्माण के लिए क्या करने की आवश्यकता है’’।
संयुक्त राष्ट्र की राजनीतिक मामलों की प्रमुख रोसमैरी डीकार्लो ने अफगानिस्तान की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के
समापन पर बृहस्पतिवार को यह कहा।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि डीकार्लो ने तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुताकी और
वरिष्ठ तालिबानी प्रतिनिधि मावलावी अब्दुल कबीर के साथ वार्ता के दौरान ‘‘यह सुनिश्चित करने की अत्यंत महत्ता
पर जोर दिया कि सभी अफगान- पुरुष, महिलाएं, युवा, धार्मिक एवं जातीय समूह और अल्पसंख्यक- शासन और
सार्वजनिक जीवन में योगदान दे सकें।’’
डीकार्लो ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी यात्रा के दौरान मैंने फिर से यह सुना कि अफगानिस्तान की महिलाएं एवं लड़कियां स्कूल और
काम पर जाना चाहती हैं और बिना किसी भेदभाव के सार्वजनिक जीवन में भाग लेना चाहती हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में की गई प्रगति को बेकार नहीं होने देना चाहिए।’’
तालिबान ने शुरू में महिलाओं और जातीय अल्पसंख्यकों के प्रति सहिष्णुता बरतने और समावेशिता का वादा किया
था, लेकिन महिलाओं पर नए सिरे से प्रतिबंध लगाना और केवल पुरुषों वाली सरकार की नियुक्त समेत उसके अब
तक के कदम निराशाजनक हैं।