सहारनपुर। सहारनपुर जिला जेल को खाली करने का नोटिस आ चुका है। जिला जेल को राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए पुरातत्व विभाग ने नोटिस भी तामील करवा दिया है। बरेली से यहां पहुंची एडिशनल डीआइजी जेल ने इस संबंध में कागजी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
वर्तमान में जिला जेल कई दशक पहले रोहिला वंश के राजा का महल हुआ करता था। जिसे बाद में जिला जेल के रूप में तब्दील कर दिया गया था। जिला जेल गेट पर आज भी रोहिला वंश के बारे में लिखा हुआ है, साथ ही ये भी बताया गया है कि यह महल कब तैयार हुआ।
सहारनपुर जेल में 530 बंदियों/कैदियों को रखने के लिए नौ बैरक हैं। बाल किशोर जेल के अलावा महिला जेल भी रोहिला महल में ही है, मगर 530 बंदियों के सापेक्ष जिला जेल में फिलहाल 1690 बंदी कैद हैं। तीन साल पहले पुरातत्व विभाग ने जिला जेल के भीतर कुछ हिस्से में खुदाई की थी, जिसके बाद पुरातत्व विभाग ने जेल में होने वाले किसी भी तरह के निर्माण पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी थी।
बताया था कि बिना किसी सूचना के यदि जेल में कुछ भी निर्माण कराया गया या दीवार ऊंची करवाई गई तो यह गलत होगा। पिछले दिनों पुरातत्व विभाग ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को नोटिस भेजकर इसे राष्ट्रीय धरोहर बताया था। साथ ही जेल को खाली करने के निर्देश दिए थे। डीएम-एसएसपी को भी पूर्व में ही इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है।
बुधवार को एडिशनल डीआइजी जेल बरेली शशि श्रीवास्तव यहां पहुंचीं। उन्होंने मासिक निरीक्षण करने के अलावा जेल में मानक से कई गुना अधिक बंदियों के मामले में भी रिपोर्ट देखी। पुरातत्व विभाग के नोटिस के बाबत भी जेल अधीक्षक से जानकारी ली।