पाक-चीन को संदेश

asiakhabar.com | November 17, 2021 | 4:59 pm IST
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-सिद्धार्थ शंकर-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया। वे हरक्युलिस विमान से किसी
एक्सप्रेस वे पर पहुंचने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। यह यूपी का तीसरा रनवे वाला एक्सप्रेस-वे है, जहां लड़ाकू
विमान लैंडिंग और टेक ऑफ कर सकेंगे। इससे पहले आगरा एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस वे पर लड़ाकू विमान
उतर चुके हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर प्रधानमंत्री के सामने टच एंड गो ऑपरेशन के तहत फाइटर प्लेन ने उड़ान
भरी। एयर शो में सुखोई, मिराज, राफेल, एएन 32, सूर्यकिरण जैसे प्लेन शामिल थे। फ्रांस से खरीदे गए राफेल
फाइटर प्लेन पहली बार भारत की किसी सड़क पर उतरे। इस एयर स्ट्रिप के बनने के बाद एक्सप्रेस वे पर 3-3
एयर स्ट्रिप वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है। इससे पहले भारतीय वायुसेना आगरा एक्सप्रेस-वे पर
मिराज 2000, जगुआर, सुखोई-30 और सुपर हरक्यूलिस जैसे जहाज सफलतापूर्वक उतार चुकी है। 302 किलोमीटर
लंबा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पहले यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इससे 39 किमी
ज्यादा लंबा है। 2024 में मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे तैयार हो जाएगा, इसकी लंबाई 594 किमी होगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार को दिखा एयर शो दुनिया को संदेश देगा कि भारत ने सामरिक दृष्टि से एक
कदम आगे बढ़ाते हुए अपनी ताकत को बढ़ाया है। एक्सप्रेस वे दो मोर्चों पर जंग होने की स्थिति में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाएगा। उत्तरी और पूर्वी बॉर्डर के नजदीक होने की वजह से यहां से दोनों ही फ्रंट पर आसानी से फाइटर
जेट्स ऑपरेट किए जा सकेंगे। एयरफोर्स के सुखोई 30 एमआईके, राफेल, सी 130 जे सुपर हरक्यूलिस जैसे विमान
अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की एयर स्ट्रिप पर भी लैडिंग और टेक ऑफ कर पाएंगे। पूर्वी फ्रंट पर चीन के खिलाफ
युद्ध के दौरान इमरजेंसी उपयोग में आने वाला ये पहला एक्सप्रेस वे होगा। यहां से दोनों ही फ्रंट्स की दूरी करीब
600 किलोमीटर है, ऐसे में दो से तीन घंटे की तैयारी कर आसानी से बालाकोट जैसी स्ट्राइक को आसानी से अंजाम
दिया जा सकता है। ऐसे कॉम्बैट ऑपरेशन में रेस्पॉन्स टाइम सिर्फ दो से तीन घंटे का ही रहेगा। डोकलाम विवाद
के बाद चीन ने शिंझिंयाग प्रांत और तिब्बती क्षेत्र में 16 एयरबेस तैयार किए हैं। इनमें 14 हजार फीट की ऊंचाई
पर अली गूंसा, बुरांग, ताझांग जैसे बड़े बेस शामिल हैं। यहां पर लड़ाकू विमानों के साथ ही चीन की लॉन्ग रेंज में
मिसाइलों की जद में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के 5 बड़े एयरबेस के साथ कई बड़े शहर हैं। इनमें गोरखपुर,
दरभंगा, बख्शी का तालाब, प्रयागराज सहित कई बड़े शहर शामिल हैं। इन लॉन्ग रेंज मिसाइलों के निशाने पर आते
ही एयरफोर्स को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुल्तानपुर के पास ही कॉम्बैट ऑपरेशन शुरू करने में आसानी होगी।
एयरफोर्स के प्लान बी के तहत एयरबेस तबाह होने की स्थिति में इसी एक्सप्रेस वे का उपयोग युद्ध काल में होगा,
लेकिन शांतिकाल में अभी के हालात में भारत ने अपनी सामरिक ताकत दिखाने के लिए इस एयर स्ट्रिप पर 30 से
ज्यादा विमान उतारा है। यहां पर इस तरह का टच एंड गो ऑपरेशन लगातार चलता रहेगा, जिससे चीन के साथ
पाकिस्तान को भारत की हवाई ताकत का आभास रहे। इसके अलावा भी जल्द ही बड़े एक्सप्रेस वे के रन-वे पर
फाइटर जेट्स उतारने की तैयारी की गई है। खासतौर से पूर्वोत्तर के अलावा उत्तराखंड में इस तरह की तैयारियां
भारत पूरी कर चुका है।


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