नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने हाल ही में कहा था कि भारतीय वायुसेना चीन और पाकिस्तान की चुनौती का एक साथ मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है।
अब खबर है कि भारत को जल्द ही वह लड़ाकू विमान मिलने वाला है, जो महज 3 मिनट में पाकिस्तान और चीन पर हमला कर सकता है। यह विमान है राफेल फाइटर जेट। भारत को फ्रांस से ऐसे 32 लड़ाकू विमानों की खेप जल्द ही मिलने वाली है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इन लड़ाकू विमानों को भारत में दो ऐसे एयरबेस पर तैनात किया जाएगा, जहां से पाकिस्तान और चीन पर चंद मिनट में हमला किया जा सके। पहला बेड़ा पंजाब में अंबाला एयरबेस पर और दूसरा पश्चिम बंगाल में हसीमारा बेस पर नियुक्त होगा। दोनों स्थानों पर 18-18 राफेल फाइटर जेट रखे जाएंगे।
हसीमारा एयर बेस से चीन का याडोंग शहर महज 100 किमी दूर है। यहां से महज चार मिनट में तिब्बत तक पहुंचा जा सकता है।
राफेल विमान की खासियत
– राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है। यह एक बहुउपयोगी लड़ाकू विमान है।
– एक विमान की लागत 70 मिलियन आती है। इसकी लंबाई 15.27 मीटर है और इसमें एक या दो पायलट बैठ सकते हैं।
– जानकार बताते हैं कि राफेल ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। हालांकि अधिकतम भार उठाकर इसके उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है।
– विमान में ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। राफेल की अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 तक किमी प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है।
– इसमें 1.30 mm की एक गन लगी होती है जो एक बार में 125 राउंड गोलियां निकाल सकती है।
– इसके अलावा इसमें घातक एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मेटेओर, एमबीडीए अपाचे, स्टोर्म शैडो एससीएएलपी मिसाइलें लगी रहती हैं।
– इसमें थाले आरबीई-2 रडार और थाले स्पेक्ट्रा वारफेयर सिस्टम लगा होता है। साथ ही इसमें ऑप्ट्रॉनिक सिक्योर फ्रंटल इंफ्रा-रेड सर्च और ट्रैक सिस्टम भी लगा है।
– अमेरिका, जर्मनी और रूस चाहते हैं कि भारत उनसे लड़ाकू विमान खरीदे। अमेरिका भारत को एफ-16 और एफ-18, रूस मिग-35, जर्मनी और ब्रिटेन यूरोफाइटर टायफून और स्वीडन ग्रिपन विमान बेचना चाह रहे थे, लेकिन मोदी सरकार ने राफेल को खरीदने का फैसला किया है।