वाराणसी। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी को क्योटो बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। मान्यता है कि काशी शिव के त्रिशूल पर बसी है। इसी चौक चौराहे पर समस्त ब्रह्मांड के प्रतीक श्रीयंत्र की स्थापना होगी।
नंदी हो चुका स्थापित-
सीएसआर फंड से अब तक मणिकर्णिका द्वार का निर्माण, गोदौलिया चौराहे पर नंदी की मूर्ति की स्थापना और कबीरचौरा स्थित तिराहे का सौंदर्यीकरण किया गया है।
चौक को शिव के त्रिशूल का केंद्र बिंदु माना जाता है। यहीं से चार रास्ते जाते हैं जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का मार्ग बताते हैं। चौराहे से लगभग सत्तर मीटर दूर बाबा दरबार है, जो धर्म का प्रतीक है।
एक मार्ग दालमंडी को जाता है जो पूर्व में काम तृप्ति का केंद्र था। एक रास्ता अर्थ यानि ठठेरी बाजार, हड़हा को जाता है। बनारसी साड़ियों से लेकर सराफा का हब चौक में ही है। इसी चौराहे से एक रास्ता मणिकर्णिका को जाता है, जो मोक्ष का प्रतीक माना जाता है।
वैभव का प्रतीक है श्रीयंत्र-