जम्मू। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के
अग्रिम इलाकों का दौरा किया और उन्हें क्षेत्र में जमीनी स्थिति तथा वहां चल रहे घुसपैठ रोधी अभियानों की
जानकारी दी गयी।
जनरल नरवणे घाटी में आतंकवादियों के हाथों आम नागरिकों की हत्याओं की बढ़ती घटनाओं और पुंछ तथा राजौरी
जिलों के जंगलों में चल रहे आतंकवाद रोधी अभियान के बीच दो दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे हैं। आतंकवाद रोधी
अभियान में पिछले एक हफ्ते में नौ जवान शहीद हो गए हैं।
भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशक (एडीजीपीआई) ने ट्वीट किया, ''सेना प्रमुख जनरल एम एम
नरवणे ने नियंत्रण रेखा पर व्हाइट नाइट कोर के अग्रिम इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।
सेना प्रमुख को कमांडरों ने मौजूदा हालात और घुसपैठ रोधी अभियान के बारे में जानकारी दी।''
कश्मीर घाटी के विभिन्न इलाकों में इस महीने आतंकवादियों के हमले में 11 लोगों की मौत हो गयी। इनमें पांच
गैर स्थानीय मजदूर, अल्पसंख्यक समुदायों के दो शिक्षक और एक लोकप्रिय दवा दुकानदार शामिल है।
आम नागरिकों की हत्याओं की बढ़ती घटनाओं के बीच जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने
आतंकवादियों और उनसे सहानुभूति रखने वाले लोगों को सजा देकर खून के एक-एक कतरे का बदला लेने का
आह्वान किया।
अधिकारियों ने बताया कि सेना प्रमुख ने राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों का दौरा किया, जहां 11 अक्टूबर के
बाद से मेंढर, सुरनकोट और थानामंडी के जंगली इलाकों में छिपे आतंकवादियों की तलाश करने का व्यापक
अभियान चल रहा है।
सुरनकोट के वन्य क्षेत्र में 11 अक्टूबर को आतंकवादियों के हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे जबकि
गत बृहस्पतिवार को मेंढर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड में चार जवान शहीद हो गए।
आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान मंगलवार को नौवें दिन भी जारी है। आतंकवादियों को साजो-सामान
संबंधी मदद देने के सिलसिले में अभी तक मां-बेटे समेत आठ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया
है।