नवंबर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बाद विदेशी कोचों पर फैसला करेंगे: डब्ल्यूएफआई

asiakhabar.com | September 28, 2021 | 5:14 pm IST
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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को कहा कि वे शीर्ष
पहलवानों के साथ जुड़े मौजूदा विदेशी कोचों और अन्य कोचों के अनुबंध में अगले ओलंपिक चक्र के लिए विस्तार
पर फैसला नवंबर में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के बाद ही करेंगे।
जॉर्जिया के शेको बेनटिनिडिस तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया के साथ जुड़े हैं जबकि रूस
के कमाल मालिकोव के पास रवि दहिया को ट्रेनिंग देने का जिम्मा है। वह ओलंपिक में रजत पदक के साथ
भारतीय कुश्ती के नए सुपरस्टार बन गए हैं।
डब्ल्यूएफआई को साथ ही फैसला करना है कि महिला पहलवानों के राष्ट्रीय शिविर के लिए विदेशी कोच की जरूरत
है या नहीं क्योंकि महासंघ ने अमेरिका के एंड्रयू कुक को बर्खास्त करने के बाद अब तक किसी विदेशी ट्रेनर से
अनुबंध नहीं किया है।
डब्ल्यूएफआई ने नखरे दिखाने पर अक्टूबर 2019 में पुरुष फ्रीस्टाइल कोच ईरान के हुसैन करीमी को बर्खास्त कर
दिया था और तब से जगमंदर सिंह मुख्य राष्ट्रीय कोच के रूप में तैयारियों को देख रहे हैं।
विश्व चैंपियनशिप का आयोजन दो अक्टूबर से नॉर्वे के ओस्लो में होना है जबकि राष्ट्रीय चैंपियनशिप उत्तर प्रदेश के
गोंडा में 19-21 नवंबर तक होगी।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने अब तक पहलवानों के साथ बैठक नहीं
की है। हम उनकी प्रतिक्रिया भी लेंगे। सभी पहलवानों का ध्यान अभी विश्व चैंपियनशिप पर है और इसके बाद वे
कुछ समय आराम करेंगे और फिर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगे। इसके बाद ही हम अपने मुख्य पहलवानों के
साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।’’
पता चला है कि डब्ल्यूएफआई महिला राष्ट्रीय शिविर से विदेशी कोच को जोड़ने को लेकर उत्सुक नहीं है क्योंकि
उसका मानना है कि इससे महिला पहलवानों को अधिक मदद नहीं मिली।
हालांकि उम्मीद है कि बेनटिनिडिस और मालिकोव को नए अनुबंध सौंपे जाएंगे जबकि महासंघ दीपक पूनिया के
लिए नया कोच ढूंढेगा। पूनिया के रूस के कोच मुराद गेदारोव को तोक्यो खेलों के दौरान रैफरी से हाथापाई करने
पर बर्खास्त कर दिया गया था।

भाजपा का प्रतिनिधिमंडल मिला चुनाव आयोग से, भवानीपुर में निष्पक्ष चुनाव के लिए कदम उठाने की मांग की

नई दिल्ली, 28 सितंबर (वेब वार्ता)। पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से पहले भाजपा के
एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग से मुलाकात की और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए
कई कदम उठाने की मांग की।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस उसके समर्थकों के
खिलाफ हिंसा का सहारा ले रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से यह आग्रह भी किया कि मतदान वाले दिन 30
सितंबर को विधानसभा क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगाई जाए तथा केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए ताकि आयोग के
दिशानिर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित हो सके।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, मुख्तार अब्बास नकवी और अनुराग ठाकुर भाजपा के इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
यादव ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना
बनाने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष पर पिछले दिनों तृणमूल
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर किए हमले की घटना का हवाला भी दिया।
आयोग को दिए प्रतिवेदन में भाजपा ने आग्रह किया कि क्षेत्र में सुरक्षा बलों की गश्त बढ़ाई जाए।
उसने यह भी कहा कि केंद्रीय पुलिस बलों की कम से कम 40 कंपनियां तैनात की जाएं ताकि भवानीपुर के हर बूथ
पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो सके।
उसने मांग की है कि स्थानीय पुलिस या होमगार्ड की ड्यूटी नहीं लगाई जाए।


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