नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि चालू वित्तवर्ष के लिए
निर्धारित 16 लाख करोड़ रुपये के ऋण लक्ष्य के मुकाबले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को
पहले ही लगभग 14 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
यह कहते हुए कि कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सही किसानों तक पहुंचना चाहिए, उन्होंने
कहा, हालांकि धन की कोई बाधा नहीं है, यह योजना का कार्यान्वयन है जो उचित तरीके से होना चाहिए।
सभी केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों/प्रशासकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए तोमर ने केसीसी अभियान
पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को कोविड की छाया में भी किसान क्रेडिट कार्ड कवर प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार फरवरी 2020 से किसानों को केसीसी की संतृप्ति के लिए अभियान चला रही है, ताकि
सभी बचे हुए किसानों को पीएम किसान लाभार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जा सके।
मंत्रालय से एक विज्ञप्ति के अनुसार, तोमर ने यह भी कहा कि कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) किसान को फार्म
गेट पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आसानी से ऋण सुरक्षित करने में मदद करेगा, और इससे छोटे किसान
को अपनी फसल के भंडारण और संरक्षण में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में वैश्विक मानकों के अनुसार उच्च मूल्य वाली फसलों और पाम
ऑयल की खेती की काफी संभावनाएं हैं।
तिलहन और पाम ऑयल पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमओओपी) पर भी अंडमान और निकोबार पर जोर देने के साथ
चर्चा की गई। केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तिलहन की फसल की संभावनाओं पर भी प्रकाश
डाला गया। प्रस्तुति में बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन के बारे में भी बताया गया।
चर्चा में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा और उनके अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के समकक्ष,
एडमिरल डी.के. जोशी (सेवानिवृत्त) ने भाग लिया और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन का
विवरण दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कार्यक्रम में कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे,
कृषि सचिव संजय अग्रवाल, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के प्रगतिशील किसान
मौजूद थे।