मनीष गोयल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विनोबा भावे की जयंती पर उन्हें
श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होंने भारत को आजादी मिलने के बाद महान गांधीवादी सिद्धांतों को आगे
बढ़ाया।
वर्ष 1895 में जन्मे, भावे ने अपना जीवन गांधीवादी सिद्धांतों के प्रचार में लगाया और वह विशेषकर “भूदान”
अभियान के लिए जाने जाते हैं जहां उन्होंने देश भर के लोगों को अपनी भूमि का एक हिस्सा दान करने के लिए
राजी किया, जिसे उन्होंने भूमिहीन गरीबों के बीच वितरित किया।
मोदी ने कहा कि उनके जन आंदोलन गरीब एवं वंचितों के जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर केंद्रित थे।
सामूहिक भावना पर उनका जोर हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “आचार्य विनोबा भावे ने भारत को आजादी मिलने के बाद अनेक गांधीवादी सिद्धांतों को आगे
बढ़ाया।”
उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी ने उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया जो छुआछूत के बिल्कुल खिलाफ थे,
भारत की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग थे और अहिंसा के साथ-साथ रचनात्मक कार्यों में दृढ़
विश्वास रखते थे। वे एक उत्कृष्ट विचारक थे।’’
प्रधानमंत्री ने तमिल साहित्यकार सुब्रह्मण्य भारती की 100वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने पिछले साल दिसंबर में भारती पर दिए अपने भाषण को पोस्ट करते हुए कहा, “100वीं पुण्यतिथि पर,
असाधारण सुब्रह्मण्य भारती को याद कर रहे हैं। हम उनकी समृद्ध विद्वता, हमारे राष्ट्र के लिए बहुआयामी
योगदान, सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण पर महान आदर्शों को याद करते हैं।”