राजीव गोयल
पेरिस। फ्रांस ने अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुक्रवार
को समाप्त कर दिया और काबुल हवाई अड्डे पर बनाए गए फ्रांस के अस्थाई दूतावास को भी बंद कर दिया। विदेश
मंत्री जीन येस ली ड्रिआन और रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने घोषणा की कि निकासी अभियान में अफगानिस्तान से
करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। एक बयान में कहा गया, ‘‘काबुल में फ्रांसीसी दूतावास का
दल फ्रांस लौटने से पहले अबु धाबी पहुंच गया है।’’ इसमें कहा गया कि राजदूत डेविड मार्टिनन भी शीघ्र देश
पहुंचने वाले हैं। फ्रांस ने अबु धाबी में एक अस्थाई केन्द्र (ट्रांजिट प्वाइंट) बनाया है, पेरिस जाने वाले विमानों को
पहले वहां उतारा जाता है। राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राजदूत और अन्य कर्मचारी
अगले कुछ दिनों में काबुल छोड देंगे और वह उड़ान काबुल से फ्रांस की अंतिम उड़ानों में से एक होगी।
उन्होंने कहा कि राजदूत की नियुक्ति यथावत रहेगी लेकिन सुरक्षा कारणों से वह पेरिस से ही सेवाएं देंगे। मंत्रियों
की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फ्रांस खतरे का सामना कर रहे अफगानिस्तान के लोगों को आश्रय देने
का काम ‘‘31 अगस्त के बाद भी जारी रखेगा। हम तालिबानी अधिकारियों के साथ अपने उन प्रयासों को जारी रख
रहे हैं कि वे 31 अगस्त के बाद देश छोड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों की निकासी में बाधा नहीं बनेंगे।’’