नई दिल्ली। नोटबंदी की बरसी वाले दिन 8 नवंबर को पूरे देश में राजनीतिक माहौल गर्म रहेगा। विपक्षी दलों ने जहां इसे काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है, वहीं भाजपा इसे “कालाधन विरोधी दिवस” के रूप में पेश करेगी।
भ्रष्टाचार पर लगाम के लिए कालाधन के खिलाफ उठाए गए विभिन्न कदमों का हवाला देकर जनता को यह बताया जाएगा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल इसलिए परेशान हैं क्योंकि उन्हें कैश से ही प्यार है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि पार्टी और सरकार के सभी बड़े नेता व पदाधिकारी पूरे देश में जनता को इसकी सच्चाई बताएंगे और विपक्ष को बेनकाब भी करेंगे।
जेटली ने कहा कि वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था जिसका 2014 तक संप्रग सरकार पालन नहीं किया था। मोदी सरकार ने पहले फैसले में भी कालाधन के खिलाफ एसआईटी का गठन किया था। उसके बाद लगातार कई विकल्प भी आए और कानून भी बने ताकि कालाधन का व्यापार खत्म हो। आठ नवंबर तक पूरे देश में सरकार के फैसले के समर्थन में जनमत तैयार किया जाएगा।