अमेरिकी लॉ स्टूडेंट ने FB पर भारतीय प्रोफेसरों से जुड़ी ये सूची पोस्ट की, मचा बवाल

asiakhabar.com | October 26, 2017 | 12:55 pm IST

नई दिल्ली। अमेरिका की लॉ स्टूडेंट राया सरकार ने भारत के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप से जुड़ा एक पोस्ट फेसबुक पर साझा किया है। जिसमें भारत के अलग-अलग 21 विश्वविद्यालयों के 75 वरिष्ठ प्रोफेसर्स पर अपने पद का इस्तेमाल करके रिसर्च स्कॉलर्स का यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से लॉ की मास्टर्स डिग्री ले रही सरकार ने भारतीय शिक्षाविदों की यूनिवर्सिटी, उनके पद और पीड़ितों की शिकायतों का पूरा दस्तावेज अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर दिया है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। जहां कुछ बुद्धिजीवी इसका स्वागत कर रहे हैं, वहीं कई लोग लॉ छात्रा की इस हरकत को गैर जिम्मेदाराना मान रहे हैं।

लॉ स्टूडेंट ने फेसबुक पर जो पोस्ट साझा की है, उसमें बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अलावा कई और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान शामिल हैं।

हालांकि जिन प्रोफेसरों का नाम इस सूची में दिया गया है। वो इससे हैरान हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने नाम न बताने की शर्त पर इन सभी आरोपों को बकवास और गलत बताया है और इस मामले में अमेरिका की लॉ स्टूडेंट के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराने की बात कही है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस प्रोफेसर ने बताया कि साल 2013-14 में मेरे खिलाफ यूनिवर्सिटी में यौन उत्पीड़न की एक शिकायत हुई थी। जिसकी यूनिवर्सिटी ने निष्पक्ष जांच की थी, जिसमें मुझे क्लीन चिट मिली थी। वहीं इस सूची में नाम सामने आने के बाद जादवपुर यूनिवर्सिटी के एक मनोवैज्ञानिक ने ऐसे आरोपों से सीधे इंकार कर दिया। मनोवैज्ञानिक के मुताबिक उनके खिलाफ कभी भी यौन उत्पीड़न को लेकर कोई शिकायत नहीं हुई। न ही कोई जांच चली। ऐसे में कैसे मेरे नाम सामने आ गया। ये सोचने वाली बात है।

अमेरिकी लॉ स्टूडेंट राया सरकार की फेसबुक पोस्ट में जिन 60 शिक्षाविदों का नाम आया है, उसमें से चार का नाम पहले भी यौन उत्पीड़न के मामलों में सुर्खियों में रहा है। इसमें से एक तो दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल रहे हैं। इनपर लड़कों ने ही आरोप लगाए थे।

वहीं दो शिक्षाविद बंगाल के जादवपुर यूनिवर्सिटी के हैं। जिसमें से एक ने तो आंतरिक जांच के दौरान ही नौकरी छोड़ दी, वहीं दूसरे शिक्षाविद पर यूनिवर्सिटी की पहले साल की छात्रा ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

इसके अलावा मैनेजमेंट कॉलेज के एक डायरेक्टर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद प्रबंधन ने उसे लंबी छुट्टियों पर भेज दिया है। इसके खिलाफ महिला कर्मचारी ने उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।

हालांकि भारतीय शिक्षाविदों की सूची जारी करने पर सोशल मीडिया पर भी हंगामा मचा हुआ है। कुछ लोग सीधे तौर पर अमेरिकी लॉ स्टूडेंट के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। वहीं वामपंथी विचारधारा के लोग इस चक्कर में निशाने पर आ गए हैं। ऐसे में ये मामला फिलहाल ठंडा होता नहीं दिख रहा।


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