सुबोध कुमार
लखनऊ। योगी कैबिनेट ने सोमवार रात उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन न्यास (द्वितीय
संशोधन) नियमावली-2021 को मंजूरी दी। इसके तहत अब जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की शासी परिषद व प्रबंध
समिति में लोकसभा व राज्यसभा के सांसद और विधान सभा व विधान परिषद के सदस्यों को बतौर सदस्य
शामिल किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने जिला खनिज फाउंडेशन न्यास में
लोकसभा व राज्यसभा के सांसद और विधान सभा एवं विधान परिषद के सदस्यों को नामित करने के निर्देश दिए
हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर फाउंडेशन की शासी परिषद एवं प्रबंध समिति में सांसद-विधायकों को समिति में
सदस्य नामित करने के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है, जिसे योगी कैबिनेट ने आज पारित कर दिया।
नगर निकायों में शामिल नए ग्रामीण क्षेत्रों को टैक्स से छूट
प्रवक्ता ने बताया कि नगर निकाय में शामिल किए गए नए ग्रामीण क्षेत्रों को राज्य सरकार ने सभी टैक्स से छूट
दे दी है। इस फैसले के तहत नगर निकाय में शामिल नए ग्रामीण क्षेत्रों में जब तक सड़क, बिजली, पानी व सीवर
आदि की आधारभूत सुविधाएं विकसित नहीं हो जातीं, तब तक वहां किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा। इसके
अलावा कोई विभाग नोटिस भी जारी नहीं करेगा। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सैकड़ों गांवों के निवासियों को
राहत मिलेगी।
कैबिनेट ने उप्र जल निगम की विषम आर्थिक स्थिति एवं स्थानीय निकायों में कार्मिकों की आवश्यकता के दृष्टिगत
जल निगम के सरप्लस कार्मिकों को स्थानीय निकायों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात किए जाने तथा जल
निगम के मृत कार्मिकों के आश्रितों को स्थानीय निकायों में नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया
है।
इसके अन्तर्गत निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश जल निगम के चिन्हित सरप्लस कार्मिकों को विभिन्न नागर
निकायों में समकक्ष रिक्त पदों के सापेक्ष बॉडीशॉपिंग के आधार पर प्रति नियुक्ति पर रखा जाए। नागर निकायों में
बॉडीशॉपिंग के आधार पर प्रतिनियुक्ति पर रखे जाने वाले कार्मिकों को प्रतिनियुक्ति विषयक सुसंगत शासनादेशों में
निर्धारित आयु सीमा तथा प्रतिनियुक्ति की अवधि की सीमा से मुक्त रखा जाए व तदनुसार यह कार्मिक नागर
निकायों में आवश्यकतानुसार सेवानिवृत्त होने तक कार्य कर सकेंगे। इन कार्मिकों को उ0प्र0 जल निगम में अनुमन्य
वेतन आदि के समतुल्य धनराशि का भुगतान सम्बन्धित निकायों द्वारा उ0प्र0 जल निगम के माध्यम से किया
जाए।
कैबिनेट ने देवरिया के पुराने कलेक्ट्रेट में शहीद रामचंद्र विद्यार्थी के नाम से संग्रहालय बनवाने के प्रस्ताव को
मंजूरी दी है। सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि शहीद स्थल के विकास व संग्रहालय बनने से विदेश व देश के
पर्यटकों में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए सरकारी आस्थान की भूमि को पर्यटन विभाग के नाम निःशुल्क हस्तांतरित
कराए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने आज अपनी मंजूरी दी है।
रामचंद्र विद्यार्थी का जन्म देवरिया जिले के नौतन हथियागढ़ गांव में एक अप्रैल 1929 को हुआ था। जब वह कक्षा
सात के छात्र थे उसी समय 14 अगस्त 1942 को देवरिया के पुराने कलेक्ट्रेट में तिरंगा फहराने के दौरान हुई
फायरिंग में घायल हो गए थे। बाद में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
एक दूसरे फैसले में कैबिनेट ने देवरिया में ही कृषि ज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए निःशुल्क जमीन हस्तांतरित
कराए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।