मनीष गोयल
नई दिल्ली। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने देश के 75वें
स्वतंत्रता दिवस को ‘किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान के बाद देश भर के किसान प्रखंड और तहसील स्तर पर इस दिन ‘तिरंगा
रैलियां’ निकालेंगे। हालांकि किसानों ने जोर देते हुए कहा कि वे दिल्ली में नहीं घुसेंगे।
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) की कविता कुरुगंती ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा
ने 15 अगस्त को सभी घटक संगठनों का आह्वान किया है कि इस दिन को किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस
के रूप में मनाया जाए और इस दिन तिरंगा मार्च आयोजित किये जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस दिन किसान और मजदूर तिरंगा मार्च में ट्रैक्टर, मोटर साइकिल, साइकिल और बैलगाड़ी आदि
लेकर निकलेंगे और ब्लॉक, तहसील, जिला मुख्यालयों की ओर कूच करेंगे। वे पास के धरना स्थलों पर भी जा
सकते हैं। इस दौरान वाहनों पर तिरंगे लगे होंगे।’’
किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा कि देशभर में पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे तक रैलियां निकाली
जाएंगी।
दिल्ली में भी सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर तिरंगा मार्च निकाले जाएंगे और पूरे दिन कार्यक्रमों का
आयोजन किया जाएगा।
किसान नेता जगमोहन सिंह ने कहा, ‘‘सिंघू पर किसान प्रदर्शन स्थल स्थित मुख्य मंच से लेकर करीब आठ
किलोमीटर दूर केएमपी एक्सप्रेस तक मार्च निकालेंगे।’’
किसानों ने जोर देते हुए कहा कि 15 अगस्त को निकलने वाली तिरंगा रैली शांतिपूर्ण होंगी और दिल्ली से दूरी रखी
जाएगी।
सिंह ने कहा, ‘‘26 जनवरी के घटनाक्रम ने हमारे आंदोलन को बदनाम किया था, इसलिए 15 अगस्त को तिरंगा
मार्च शहर में नहीं आएंगे, लेकिन हमारा आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती।’’