मनीष गुप्ता
नई दिल्ली। विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा
की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब ढाई बजे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की बैठक जब दोपहर दो बजे शुरू हुई तो पेगासस जासूसी विवाद सहित
विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े विपक्षी सदस्यों का सदन में हंगामा पुन: शुरू हो गया। हंगामे के
बीच ही पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने ‘‘देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान’’ पर
अल्पकालिक चर्चा शुरू कराई।
चर्चा में पहले भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर और फिर बीजद के प्रसन्न आचार्य ने अपनी बातें रखीं। इसी बीच,
आसन के समक्ष आए विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज हो गया जिसके कारण सदन की बैठक पीठासीन अध्यक्ष
भुवनेश्वर कालिता ने दो बज कर 17 मिनट पर पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दी। पंद्रह मिनट बाद पीठासीन
अध्यक्ष ने हंगामे के चलते बैठक और आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, सुबह 11 बजे हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया और बैठक शुरू होने
के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई।
सुबह, बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद
सभापति ने सदन को सूचित किया कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, माकपा
के इलामारम करीम तथा भाकपा के विनय विश्वम ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिए हैं। उन्होंने
कहा कि इस मुद्दे पर सरकार की ओर से सदन में बयान दिया गया था जिस पर सवाल और स्पष्टीकरण पूछे जा
सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सदन में आज कृषि संबंधी समस्याएं और उनके समाधान के मुद्दे पर एक अल्पकालिक चर्चा
निर्धारित है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा बड़ा है, महत्वपूर्ण है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।
इस बीच, विपक्षी सदस्यों ने पेगासस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने सदस्यों
से सदन की कार्यवाही चलने देने और व्यवधान न डालने की अपील की। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने
बैठक शुरू होने के महज दस मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
पहली बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल आरंभ कराया।
इस बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा भी पुन: शुरू हो गया। हंगामे के बीच ही कुछ सदस्यों ने जलविद्युत
परियोजना, कैंसर, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े पूरक सवाल पूछे और संबंधित मंत्रियों
ने उनके जवाब दिए।
उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया लेकिन सदन
में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने 12 बजकर करीब 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए
स्थगित कर दी।