मनीष गोयल
नई दिल्ली। विश्व की नंबर 1 भारतीय तीरंदाज दीपिका कुमारी का सफल ओलिंपिक में
समाप्त हो गया है। इसी के साथ दीपिका के पति अतानु दास पुरूषों के व्यक्तिगत वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में
जापान के ताकाहारू फुरूकावा से 4.6 से हारने के बाद उनका भी सफर खत्म हो गया। दास तीरंदाजी में भारत की
आखिरी उम्मीद थे, अब इसके बाद भारत की कोई भी उम्मीद नहीं है।
ओलिंपिक में हार के बाद इंडिया टुडे ग्रुप से बातचीत करते वक्त दीपिका कुमारी ने संघ से नाराजगी जाहिर की है।
दीपिका कुमारी से पूछा गया था कि क्या अगर मिक्सड में वो अतानु के साथ होतीं तो क्या होता। इस सवाल में
दीपिका ने कहा कि अब तो वक्त गुजर चुका है इस बातचीत से कोई फायदा नहीं होने वाला लेकिन अगर अतनु
मिक्सड में साथ होते तो रिजल्ट कुछ और होते।
दीपिका ने कहा कि वो पूरी तरह से तैयार थीं। उनको कहीं पर कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कहा कि अगर संघ
एक बड़ा कदम उठाता तो शायद आज नतीजे यहां पर कुछ और होते। दीपिका से पहले अतनु ने भी संघ के इस
फैसले पर हैरानी जताई थी। अतनु ने कहा था कि प्री-क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के बाद कहा था, ‘मुझे मिश्रित टीम
में उसके साथ खेलने की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से यह संभव नहीं था। मुझे नहीं पता क्यों?’
गौरतलब है कि तोक्यो ओलिंपिक की शुरुआत से पहले मिक्सड डबल में दीपिका कुमारी और अतनु दास को पदक
का दावेदार बताया गया था। लेकिन तोक्यो में अतनु को मिश्रित युगल में दीपिका के साथ जोड़ी बनाने का मौका
नहीं मिला, क्योंकि वह रैंकिंग दौर में प्रवीण जाधव से पीछे रहे। जाधव पहली बार पहली बार ओलंपिक में हिस्सा
रहे जाधव ने 31वां, जबकि अतनु ने 35वां स्थान हासिल किया था।
दीपिका कुमारी और अतनु दास की जोड़ी ने एक महीने पहले ही पेरिस विश्वकप में गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन
फिर भी ओलिंपिक में इनकी जोड़ी बदल दी गई। रैंकिंग के आधार पर भारतीय तीरंदाजी टीम प्रबंधन ने दीपिका
और जाधव की जोड़ी बना दी। जाधव और दीपिका ने पहली बार जोड़ी बनाई और उन्हें कोरिया के खिलाफ क्वार्टर
फाइनल में हार का सामना करना पड़ा।