तोक्यो। ओलिंपिक में भाग ले रहे भारत के पहले सुपर हैवीवेट (प्लस 91 किलो) मुक्केबाज
सतीश कुमार ने अपने पहले ही खेलों में जमैका के रिकार्डो ब्राउन को पहले मुकाबले में हराकर क्वॉर्टर फाइनल में
प्रवेश कर लिया। दोनों मुक्केबाजों का यह पहला ओलिंपिक है। सतीश ने बंटे हुए फैसले के बावजूद 4-1 से जीत
दर्ज की। दो बार एशियाई चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट सतीश को ब्राउन के खराब फुटवर्क का फायदा मिला।
उन्हें हालांकि मुकाबले में माथे पर खरोंच भी आई। भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने
कहा, ‘उसे मुकाबले के दौरान तीन बार सिर पर प्रहार के कारण कट लगा है। सतीश ने काफी संभलकर उसका
सामना किया वरना ब्राउन के कद काठी को देखते हुए गंभीर चोट लग सकती थी।’ अब सतीश का सामना
उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से होगा जो मौजूदा विश्व और एशियाई चैंपियन हैं। जालोलोव ने अजरबैजान
के मोहम्मद अब्दुल्लायेव को 5-0 से हराया। नीवा ने कहा, ‘वह अपराजेय नहीं है। सतीश ने उसे कभी नहीं हराया
लेकिन इंडिया ओपन में आखिरी बार दोनों का सामना हुआ था और वह बंटा हुआ फैसला था। सतीश ने उसे कड़ी
चुनौती दी थी।’ कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के रजत पदक विजेता सतीश ने दाहिने हाथ से लगातार पंच लगाते हुए
ब्राउन को गलतियां करने पर मजबूर किया। ब्राउन उन्हें एक भी दमदार पंच नहीं लगा सके। नीवा ने कहा, ‘स्कोर
करके तुरंत पीछे हट जाने का लक्ष्य था क्योंकि ब्राउन काफी शक्तिशाली है और खतरनाक हो सकता था। सतीश ने
उसे चारों तरफ घुमाकर थकाया।’ उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले सतीश सेना में हैं और पहले कबड्डी खेलते
थे। सेना के कोचों ने उनकी अच्छी कद काठी देखकर उन्हें मुक्केबाजी खेलने का मौका दिया। वहीं जमैका की ओर
से 1996 के बाद ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ करने वाले पहले मुक्केबाज ब्राउन उद्घाटन समारोह में अपने देश
के ध्वजवाहक थे।