वेबवार्ता
पणजी। गोवा के उत्तर में सत्तारी और बिचोलिम तहसील तथा दक्षिण में धारबंदोरा समेत कई
हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के बाद कुछ नदियों का
जलस्तर बढ़ जाने से कई घर डूब गए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने बताया कि
इसके चलते अभी तक किसी की मौत होने की जानकारी नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'सत्तारी तहसील
के कम से कम 100 घर, पिछले एक हफ्ते से हो रही भारी बारिश के बाद महादयी नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते
बृहस्पतिवार रात से डूबे हुए हैं।'
उन्होंने बताया, 'कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन बाढ़ जैसी स्थिति है। जिन लोगों के घर पूरी तरह पानी में डूब
गए हैं, वे खुद से सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।'
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सत्तारी में वालपोई कस्बे के पास स्थित वेलस गांव लगभग आधा पानी में डूबा हुआ है
जबकि कई अन्य गांवों तक संपर्क टूट गया है क्योंकि सड़कें एवं पुलिया पानी में डूबी हुई हैं।
वालपोई के विधायक एवं राज्य के मंत्री विश्वजीत राणे ने ट्विटर पर कहा, 'निरंतर एवं भारी बारिश के चलते,
महादयी नदी में प्रवाह बढ़ गया है। पानी वालपोई के विभिन्न हिस्सों में घुस गया है। जिलाधिकारियों को सत्तारी
एवं उसगाव में आपदा प्रबंधन दल को तैयार रखने के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं।'
उन्होंने कहा, 'लोगों के घरों में पानी घुस गया है जिससे बहुत नुकसान हो रहा है। हमारे लिए अपने लोगों की
सुरक्षा सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। आपदा प्रबंधन टीम की मदद से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा।'
अधिकारियों ने बताया कि बिचोलिम तहसील में संखालिम कस्बे के पास, वलवंती और सखाली नदियों में भी पानी
बढ़ गया है और वे खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
उन्होंने बताया कि बिचोलिम में हरवलम में और उसके आस-पास रह रहे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है
क्योंकि वहां बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है।
इसी तरह की स्थिति दक्षिण गोवा के धारबंदोरा तहसील में मोल्लेम गांव के आस-पास भी दिख रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को चेतावनी जारी कर कहा था कि बंगाल की खाड़ी में
हवा के परिसंचरण से कम दबाव वाला क्षेत्र बन सकता है जिससे गोवा में और बारिश होगी।
बुधवार तक, तटीय राज्य में जारी मानसून के मौसम के दौरान 1,998.3 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि औसतन
यह 1,612.7 मिमी रहती है।
राज्य का मत्स्य विभाग स्थानीय मछुआरों को तेज हवाओं के कारण समुद्र में न जाने की चेतावनी पहले ही जारी
कर चुका है।