एजेंसी
मैक्सिको सिटी। मैक्सिको की वित्तीय खुफिया इकाई के प्रमुख सैंटियागो नीतो ने बताया कि
2012 से 2018 के बीच पूर्व प्रशासन के अधिकारियों ने इज़राइल के एनएसओ से ‘स्पाइवेयर’ खरीदने के लिए
सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए थे। ऐसा प्रतीत होता है कि पेगासस स्पाइवेयर जैसे कार्यक्रमों के ‘बिल’
में अतिरिक्त भुगतान शामिल हैं, जिन्हें शायद रिश्वत के रूप में पूर्व सरकारी अधिकारियों को वापस भेज दिया
गया होगा। मैक्सिको की वित्तीय खुफिया इकाई के प्रमुख सैंटियागो नीतो ने बुधवार को कहा कि यह जानकारी
मेक्सिको में अभियोजकों को दी जा रही है। भुगतान की गई राशि और जिस तरह से उन्हें भुगतान किया गया था,
वह सरकारी भ्रष्टाचार के संकेत देती है, जिसमें पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी हस्तियों को लक्षित किया गया
था और इसमें देश राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर और उनके करीबी भी शामिल है। नीतो ने कहा कि
लोपेज ओब्राडोर ने एक दिसम्बर 2018 को राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला और ‘स्पाइवेयर’ का इस्तेमाल ना
करने का संकल्प किया। तभी से मौजूदा प्रशासन द्वारा ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देने के सबूत भी नहीं
मिले हैं। इस बीच, मोरक्को सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है कि जिनमें कहा गया है कि देश के सुरक्षा
बलों ने संभवत: फ्रांस के राष्ट्रपति और अन्य सार्वजनिक हस्तियों के सेलफोन पर नजर रखने के लिए इजराइल के
एनएसओ समूह द्वारा बनाए गए स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया होगा। मोरक्को सरकार ने मंगलवार देर रात एक
बयान में कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनेताओं को लक्षित करने के लिए एनएसओ के
पेगासस स्पाइवेयर के संदिग्ध व्यापक उपयोग की जांच कर रहे एक वैश्विक मीडिया समूह पर निशाना साधा।
सरकार ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। समूह के एक सदस्य, फ्रांसीसी अखबार ‘ले मोंडे’ ने बताया कि
राष्ट्रपति फ्रांस के एमैनुएल मैक्रों और फ्रांसीसी सरकार के 15 तत्कालीन सदस्यों के सेलफोन 2019 में मोरक्को की
सुरक्षा एजेंसी की ओर से पेगासस स्पाइवेयर द्वारा निगरानी के संभावित लक्ष्यों में से शामिल हो सकते हैं। फ्रांसीसी
सार्वजनिक प्रसारक ‘रेडियो फ्रांस’ ने बताया कि मोरक्को के राजा मोहम्मद षष्ट्म और उनके दल के सदस्यों के
फोन भी संभावित लक्ष्यों में शामिल थे। बयान में कहा गया, ‘‘मोरक्को साम्राज्य लगातार झूठे, बड़े पैमाने पर और
दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान की कड़ी निंदा करता है।’’ सरकार ने कहा कि वह ‘‘इन झूठे और निराधार आरोपों को
खारिज करती है।’’