वेबवार्ता
ढाका। भारत और बांग्लादेश के विदेशमंत्रियों ने ताशकंद में हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों
के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस दौरान दोनों देशों के विदेशमंत्रियों ने
द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संपर्क, कोविड-19 महामारी और विस्थापित रोहिंग्या को वापस म्यांमा भेजने सहित विभिन्न
मुद्दों पर चर्चा की।
विदेशमंत्री एस जयशंकर और उनके बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमिन ने उज्बेकिस्तान की राजधानी में
बृहस्पतिवार को मुलाकात की। दोनों नेताओं ने मध्य व दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय संपर्क की चुनौतियां और अवसर
पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर यह मुलाकात की।
बांग्लादेशी वेबसाइट बीडीन्यूज24.कॉम की खबर के मुताबिक दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संपर्क, कोविड-
19 और टीकाकरण की दोनों देशों में स्थिति और रोहिंग्या की म्यांमा में वापसी सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा की।
खबर के मुताबिक दोनों पक्षों ने साझेदारी को मजबूत करने और सहयोग को कई गुना बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता
दोहराई। दोनों देशों के मंत्रियों ने कोविड-19 के हालात में सुधार होने के बाद विभिन्न संयुक्त व्यवस्था को भी
बहाल करने पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक जयशंकर ने कोवैक्स करार सहित विभिन्न स्रोतों में बांग्लादेश में टीके की
आपूर्ति होने पर खुशी जताई। बांग्लादेश अब तक टीके के लिए भारत के सीरम इंस्टीट्यूट पर निर्भर था।
गौरतलब है कि भारत ने मार्च महीने में कोविड-19 टीके के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इससे पहले सीरम
इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बांग्लादेश को टीके की 70 लाख खुराक की आपूर्ति की थी और तीन करोड़ खुराक भेजी
जानी थी।
जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘ताशकंद संपर्क सम्मेलन से इतर बांग्लादेश के विदेशमंत्री डॉ. एके अब्दुल
मोमिन से मुलाकात कर खुशी हुई। यह संपर्क के पहलु सहित हमारे संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का
अच्छा अवसर था।’’