दमिश्क। सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के हालात के बीच सामने आई एक तस्वीर ने दुनिया को दहला कर रख दिया है। यह तस्वीर है उस कुपोषण का शिकार और सिर्फ एक माह की बच्ची सहर दोफदा की, जिसने सीरिया के पूर्वी घोटा क्षेत्र के हमोरिया इलाके में भूख के कारण दम तोड़ दिया।
वास्तव में सीरिया के इस इलाके के हालात बहुत ही ज्यादा खराब हैं और यहां के हालात ने सैंकड़ों बच्चों को भूख के कारण मौत की कगार पर लाकर खड़ा किया है। बीते शनिवार को बच्ची के माता-पिता इलाज के लिए उसे एक क्लीनिक पर लेकर पहुंचे थे। 34 दिन की इस बच्ची का वजन सिर्फ 1.9 किलो था। बता दें, सीरिया में पिछले 7 साल से जारी गृहयुद्ध के कारण विद्रोहियों वाले इलाकों में खाने की सप्लाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में सैकड़ों बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।
इतनी ताकत नहीं कि रो भी सके –
सीरिया के ये हमोरिया शहर के एक अस्पताल में सहर दोफदा नाम की इस बच्ची को लेकर माता-पिता पहुंचे थे और इसी दौरान कवरेज कर रहे एक रिपोर्टर ने इसकी फोटोज कैमरे में कैद की। ये बच्ची बिल्कुल हड्डियों का ढांचा नजर आ रही थी। रिपोर्टर ने बताया कि बच्ची रोने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके शरीर में इतनी ताकत भी नहीं थी कि वो रो भी सके।
डायपर भी शरीर से लग रहा था बड़ा –
क्लीनिक में जब उसका वजन किया गया, तो सिर्फ 1.9 किलो निकला। इस बच्ची का डायपर भी उसके शरीर के से बड़ा लग रहा था। कुपोषण की समस्या से जूझ रही सहर की मां भी उसे अपना दूध पिलाने में सक्षम नहीं है। वहीं उसके पिता की कोई आय नहीं थी कि वो उसे खरीदकर दूध और सप्लीमेंट्स दे सके। अस्पातल में भर्ती करवाने के दूसरे ही दिन बच्ची की मौत हो गई।
सैंकड़ों बच्चे हैं कुपोषण के शिकार –
सीरिया में ऐसे सिर्फ एक सहर का हाल नहीं है बल्कि सैकड़ों बच्चे ऐसे ही कुपोषण का शिकार हैं। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि सहर की मौत के बाद ही घोटा में कुपोषण के ही चलते एक और बच्चे की मौत हो चुकी है। ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, यहां के लोग खाने-पीने की चीजों की जबरदस्त कमी से जूझ रहे हैं। यहां के बाजारों में जो सामान मौजूद है, उनकी कीमत बहुत ज्यादा है।