चित्रकूट। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत एक सप्ताह के दौरे पर
मंगलवार को चित्रकूट पहुंचे हैं। इस दौरान वह अखिल भारतीय बैठक में वर्चुअल माध्यम हिस्सा लेंगे। इसके अलावा
कई साधु संतो से मुलाकात भी करेंगे। जानकारी के अनुसार संघ प्रमुख सबसे पहले वे दीनदयाल शोध संस्थान
आरोग्य धाम, चित्रकूट जिला सतना, मध्य प्रदेश पहुंचेंगे और वहां कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वहीं पर जगद्गुरु
रामभद्राचार्य जी से तुलसी पीठाधीश्वर आश्रम में मुलाकात करेंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इस चिंतन शिविर में
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्य रणनीति बनने की संभावना है। चित्रकूट में
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय स्तरीय बैठक 9 जुलाई से 13 जुलाई तक होनी है। इस बैठक में संघ
के कार्यों पर चर्चा की समीक्षा के साथ आगामी कार्ययोजना पर चर्चा होनी है। संघ सूत्रों से मिली जानकारी के
अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में इस बार प्रचारक ऑनलाइन माध्यमों से
शामिल होंगे। कोरोना संकट के चलते यह व्यवस्था की गई है। बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले सहित सभी
सह सरकार्यवाह भी शामिल होंगे। नौ जुलाई से दो दिन अखिल भारतीय टोली की बैठक होगी ,फिर 11 और 12 को
देशभर के प्रचारकों के साथ मुख्य बैठक होगी। जिसमें सभी प्रचारक वर्चुअल शामिल होंगे। यह बैठक हर वर्ष जुलाई
माह में आयोजित की जाती है। इसमें मार्च में हुई प्रतिनिधि सभा और संघ शिक्षा वर्ग की समीक्षा की जाएगी। इस
बैठक में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के 30 पदाधिकारी प्रत्यक्ष रूप से शामिल होंगे। इस दौरान भी
कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। बैठक में अखिल भारतीय टोली पदाधिकारी और क्षेत्र प्रचारक और प्रांत
प्रचारक वर्चुअल भाग लेंगे। बैठक की तैयारियों व व्यवस्थाओं को जिम्मेदारी संघ के कार्यकर्ता संभालेंगे। राष्ट्रीय
स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन
सचिव अभय महाजन, कोषाध्यक्ष वसंत पंडित आदि चित्रकूट में डेरा जमाए हैं। शिविर को राजनीतिक रंग न दिया
जाए, इसलिए राजनीतिक लोगों को बैठक से दूर रखने की तैयारी है। पांच दिन आने वाले अतिथियों के भोजन-
नाश्ता, ठहरने आदि की व्यवस्था संघ के कार्यकर्ता देखेंगे। व्यवस्थाएं आरोग्यधाम के अंदर ही होंगी। पांच दिन संघ
से जुड़े पदाधिकारी इस परिसर से बाहर नहीं जाएंगे। बताया गया है कि इस बैठक में प्रांत स्तर से ऊपर का
दायित्व संभाल रहे प्रचारकों के प्रभार में परिवर्तन पर फैसला होंने की संभावना है। परिवर्तन के इस विषय पर
आवश्यक होने पर ही बैठक में चर्चा की जाएगी। संघ सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में उत्तप्रदेश में बड़ी संख्या में हुए
मतांतरण के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश मे होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर
राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीते कुछ हफ्तों में दिल्ली से लेकर लखनऊ तक भाजपा नेताओं के साथ-
साथ आरएसएस के बीच भी बैठकों का दौर जारी रहा है। जिसके चलते पार्टी से लेकर सरकार तक में फेरबदल के
कायास लगाए जा रहे थे। वहीं संगठन द्वारा किसी तरह का बदलाव न होने की बात कहकर सब ठीक बताया था।
इसके बाद भी राजनीतिक चचार्ओं मे विराम नही लग रहा है। जबकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल मे फेरबदल होने जा रहा है।
ऐसे में यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।