विकास गुप्ता
नई दिल्ली। गलवान घाटी विवाद के बाद भारत ने एलएसी पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। भारत
लगातार एलएसी पर अपनी निगरानी रख रहा है और चीन की हर गतिविधि का जवाब देने की तैयारी में है। यही
कारण है कि पिछले दो दिनों में हमने देखा कि भारत की ओर से एलएसी पर दो दिग्गज पहुंचे थे। एक ओर
लद्दाख की यात्रा पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे तो उसके बाद हिमाचल प्रदेश में एलएसी के फ्रंट पर सीडीएस
बिपिन रावत पहुंचे। भारत में लगातार पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद की गतिविधियां बढ़ रही है। पिछले दिनों जम्मू
के इलाके में ड्रोन से हमले की कोशिश भी हुई है। ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान यह सब चीन के इशारे
पर ही कर रहा है। ऐसे में रक्षा मंत्री और सीडीएस का सीमा दौरा अपने आप में बेहद ही महत्वपूर्ण है।
अपने लद्दाख दौरे के दौरान राजनाथ ने चीन और पाकिस्तान को इशारों-इशारों में बड़ी बातें कह दी। पूर्वी लद्दाख
में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई स्थानों पर दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया में जारी गतिरोध के
बीच चीन को दो टूक शब्दों में संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत संवाद के
माध्यम से पड़ोसियों के साथ विवादों का समाधान ढूंढने में यकीन रखता है लेकिन उकसाये या धमकाये जाने पर
वह बर्दाश्त नहीं करेगा। इस क्षेत्र की अपनी यात्रा के दूसरे दिन एक अग्रिम स्थान पर एक कार्यक्रम में सैनिकों को
संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, जो कभी कोई आक्रमण नहीं करता लेकिन उसके
सशस्त्र बल देश को ‘आंख दिखाने वालों’ को माकूल जवाब देने के लिये हमेशा तैयार हैं। देश की सुरक्षा के साथ
किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किये जाने की बात पर बल देते हुए सिंह ने कहा यदि स्पष्ट मंशा हो तो किसी
भी विवाद का हल ढूंढा जा सकता है।
वहीं, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल विपिन रावत ने हिमाचल प्रदेश सेक्टर में चीन के साथ लगी वास्तविक
नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया और संवेदनशील क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों का
जायजा लिया। जनरल रावत ने चंडीमंदिर में भारतीय सेना की पश्चिमी कमान के मुख्यालय का भी दौरा किया
जहां उन्होंने पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर अभियान संबंधी स्थितियों की समीक्षा की। एलएसी पर अग्रिम
क्षेत्रों में सैनिकों के साथ वार्तालाप में जनरल रावत ने आह्वान किया कि देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के अपने
काम में अडिग होकर लगे रहें। एलएसी पर सुमदोह सेक्टर में उनका दौरा ऐसे समय में हुआ जब पूर्वी लद्दाख में
टकराव के अनेक बिंदुओं पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है।