ब्रुसेल्स। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके तुर्की समकक्ष रेसेप तईप एर्दोगन ने यहां
नाटो शिखर सम्मेलन के मौके पर अपनी पहली व्यक्तिगत बैठक की, जिसे बाद में बेहतर करार दिया गया।
मंगलवार को हुई यह बैठक राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन की पहली विदेश यात्रा का हिस्सा थी। इससे पहले पिछले
सप्ताहांत में वह जी7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रिटेन गए थे और अब उनका अगला पड़ाव जेनेवा
होगा, जहां वह बुधवार को रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बहुप्रतीक्षित बैठक में भाग लेंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 90 मिनट की इस बैठक में बाइडेन और एर्दोगन ने कोविड-19
महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और वैक्सीन की स्थिति सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।
एर्दोगन ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, अमेरिका और तुर्की के बीच ऐसी कोई समस्या नहीं है,
जिसे हल नहीं किया जा सकता है। इसके विपरीत, ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां हम संभावित और उपयोगी सहयोग पर
ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, हमारा इतिहास काफी पुराना है और हम कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने में
कामयाब रहे। हमने उन घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिन पर हमारी अलग-अलग राय है और यह बहुत ही
रचनात्मक अंदाज में किया गया। इस दौरान उन क्षेत्रों के बारे में भी बात की गई, जहां से हम सहयोग पाने की
उम्मीद कर सकते हैं।
एर्दोगन आगे कहते हैं, हम नियमित रूप से अपने राष्ट्रों के बीच संवाद चैनलों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की
आवश्यकता पर सहमत हुए हैं। कुल मिलाकर यह एक बहुत ही परिपूर्ण और एक बहुत ही ईमानदार बैठक थी।
हमने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि द्विपक्षीय सहयोग को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए।