दुबई। दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी माने जाने वाली इजरायल की मोसाद के पूर्व
प्रमुख योसी कोहेन ने एक टीवी इंटरव्यू में कई धमाकेदार खुलासे किए हैं। इजरायली टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू
में कोहेन ने संकेत दिया कि ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्रों पर हुए हमले और सैन्य वैज्ञानिक को
निशाना बनाने के पीछे कथित रूप से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ था। इजरायल में चल रहे
राजनीतिक संकट और बेंजामिन नेतन्याहू के शासन के अंतिम दिनों में योसी कोहेन का यह साक्षात्कार कोई बड़ा
धमाका कर सकता है। अपने अभियानों को गुप्त तरीके से अंजाम देने वाली एजेंसी मोसाद के बारे में इस तरह की
जानकारी का सार्वजनिक रूप से बाहर आना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। कोहेन ने ईरान के वैज्ञानिकों को भी
चेतावनी दी कि यदि वे परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा रहे तो उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है। पूर्व मोसाद
प्रमुख का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब ईरान और अमेरिका के बीच परममाणु समझौते को बहाल
करने के लिए कवायद हो रही है। कोहेन ने कहा कि ईरान के वैज्ञानिक अपना कैरियर बदलते हैं तो उनके लिए
बेहतर होगा। मालूम हो कि ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्र में जुलाई 2020 में एक रहस्यमयी
धमाके के चलते सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गया था। ईरान ने इसके पीछे इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। इसी साल
11 अप्रैल 2021 को नतांज परमाणु संयंत्र पर ब्लैक आउट होने पर ईरानी अधिकारियों का कहना था कि परमाणु
केंद्र की मशीनें खराब हो गई थीं। वहीं ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख अली अकबर सालेही ने इसे आतंकी
हमला करार दिया था। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) को
इससे निपटने की आवश्यकता बताई थी।