जोहानिसबर्ग। भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं पर दक्षिण अफ्रीका लगातार शिकंजा कसता जा रहा
है। उनके प्रत्यर्पण के लिए दक्षिण अफ्रीका ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ एक प्रत्यर्पण संधि को अंतिम
रूप दिया है। जिससे दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधुओं पर सरकारी भ्रष्टाचार के के आरोप मुकदमा चलाने में
मददगार होगी। गुप्ता बंधुओं पर सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप है। उन्होंने
2018 में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के इस्तीफे के बाद दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर गुप्ता भाई- अजय, अतुल और
राजेश गुप्ता दुबई चले गए थे। ऐसा माना जाता है कि दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा के समय गुप्ता बंधुओं ने
उनसे संबंध होने का फायदा उठाते हुए बड़े सरकारी अनुबंधों को हासिल करने और रिश्वत लेने का आरोप लगा था।
यहां तक वे जुमा की कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति में भी दखल रखते थे। अमेरिकी राजकोषीय मंत्रालय ने तीनों
गुप्ता भाइयों को 2019 में प्रतिबंध सूची में डाल दिया था और उनपर ''भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क का सदस्य” होने
का आरोप लगाया गया था। इस सूची में उनका नाम डाला जाना अमेरिकी कंपनियों को उनके साथ व्यापार करने
या उनकी संपत्तियों को संभालने से रोकता है। दक्षिण अफ्रीका के न्याय मंत्री रोनाल्ड लामोला ने शुक्रवार को कहा
कि गुप्ता भाइयों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया लंबी कानूनी लड़ाई के बाद संभव होगा। लामोला ने बताया कि प्रत्यर्पण
संधि 10 जुलाई से प्रभावी होगी। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण ने गुप्ता बंधुओं के लिए
गिरफ्तारी वारंट निकलवाने के लिए इंटरपोल का रुख किया है।