वेनिस। इटली में वैश्विक महामारी प्रकोप कम होने के बाद से शनिवार को पहले क्रूज जहाज के
वेनिस के मध्य से गुजरकर गिडेका नहर तक के सफर के दौरान विजयी पताका लहाराती सहायक नौकाएं और
खुशी जाहिर करते बंदरगाह के कर्मचारी उसके आगे-आगे चलते नजर आए लेकिन उसकी इस यात्रा में उसे विरोध
प्रदर्शन का भी सामना करना पड़ा। जमीन पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों और लकड़ी की नौकाओं के छोटे से बेड़े ने
‘‘कोई बड़ी नौका नहीं’’ के झंडे उठाए हुए थे। ‘एमएससी ऑर्केस्ट्रा” ने करीब 1,000 यात्रियों के साथ यह सफर
किया। इस समुद्री सफर ने नहरों के एतिहासिक शहर में 18 महीने बाद क्रूज पोतों की वापसी की शुरुआत की है,
लेकिन इसने क्रूज विरोधी आंदोलन को भी फिर से जिंदा कर दिया जिसने एक दशक से भी ज्यादा वक्त तक
पर्यावरणीय एवं सुरक्षा चिंताओं के कारण नाजुक जलक्षेत्र से बड़े पोतों के आवागमन का विरोध किया है।
इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी की सरकार ने इस वसंत क्रूज पोतों को वेनिस झील से हटाने की प्रतिबद्धता
जताई थी, लेकिन इस लक्ष्य तक पहुंचने में वक्त लगेगा। इतना ही नहीं बड़े पोतों का मार्ग गिडेका नहर से
परिवर्तित करने का अंतरिम समाधान भी अगले वर्ष से पहले तक मिलने की उम्मीद नहीं है।
वेनिस पिछले दो दशक में विश्व के सबसे महत्त्वपूर्ण क्रूज गंतव्यों में से एक बन गया है।