नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस की मान्यता
खत्म करने की अन्ना वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की मांग को खारिज कर दी है। जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच ने
कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका में कोई मेरिट नहीं है। सुनवाई के दौरान वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि पार्टी का
रजिस्ट्रेशन 2011 में हुआ था जबकि याचिकाकर्ता की पार्टी का रजिस्ट्रेशन 2015 में हुआ था। वाईएसआर कांग्रेस ने
कहा कि अन्ना वाईएसआर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है। जब अन्ना वाईएसआर कांग्रेस का 2015 में
रजिस्ट्रेशन हो रहा था तो उसने आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसकी पार्टी का लोकप्रिय नाम वाईएसआरसीपी है।
अगर उससे मिलते-जुलते नाम से पार्टी का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा तो उसकी लोकप्रियता का गलत फायदा उठाने
की आशंका है। उसकी आपत्तियों को दरकिनार करते हुए निर्वाचन आयोग ने अन्ना वाईएसआर का रजिस्ट्रेशन कर
दिया। याचिका अन्ना वाईएसआर कांग्रेस ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील विपिन नायर ने कहा था
कि अन्ना वाईएसआर कांग्रेस पार्टी एक रजिस्टर्ड पार्टी है। इस पार्टी का रजिस्ट्रेशन 29 सितंबर 2015 को किया
गया था। पिछले आम चुनाव में इसने अन्ना वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नाम हल चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ा
था।याचिका में कहा गया था कि जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस का रजिस्ट्रेशन युवजन श्रमिक रायतु
कांग्रेस पार्टी के नाम से 11 जनवरी 2011 को हुआ था। आंध्रप्रेदश में इसी पार्टी की सरकार है। याचिका में
जगनमोहन की पार्टी के लेटरहेट में संक्षिप्त नाम वाईएसआर बताया जाता है। अन्ना वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने
कहा था कि जगन मोहन की पार्टी उसकी पार्टी के समान ही वाईएसआर नाम का संक्षिप्त इस्तेमाल करती है, जो
गैरकानूनी है।