बादुड़िया/हिंगलगंज (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूच बिहार
के सीतलकूची में केंद्रीय सुरक्षा बलों की गोलीबारी में चार लोगों के मारे जाने की घटना के मद्देनजर केंद्रीय गृह
मंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा है। बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के बादुड़िया में एक जनसभा को संबोधित करते
हुए कहा कि वह रैलियां करने के बाद कूच बिहार रवाना होंगी और उस स्थल का दौरा करेंगी, जहां केंद्रीय बलों ने
मतदान के दौरान गोलीबारी की। उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की और केंद्रीय बलों पर सीतलकूची में
पंक्तिबद्ध खड़े मतदाताओं पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया। बनर्जी ने मांग की कि शाह को इस ‘‘नीच, नृशंस
एवं अप्रत्याशित’’ घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस घटना के
विरोध में रविवार को पूरे राज्य में रैलियां करेगी और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपराह्न दो से अपराह्न चार
बजे तक काले बैज पहनकर शांतिपूर्वक विरोध- प्रदर्शन करने को कहा। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने हिंगलगंज में
जनसभा के दौरान कहा, ‘‘केंद्रीय बलों ने मतदान के लिए पंक्ति में खड़े लोगों पर गोलीबारी की और सीतलकूची में
चार लोगों को मार दिया।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात की लंबे समय से आशंका थी कि बल इस प्रकार की
कार्रवाई करेंगे। भाजपा जानती है कि उसने लोगों का जनाधार खो दिया है, इसलिए वह लोगों को मारने का षड्यंत्र
रच रही है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह शाह की रची साजिश का हिस्सा था। बनर्जी ने कहा, ‘‘बहरहाल, मैं सभी
से शांत रहने और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करने की अपील करूंगी। उन्हें हराकर मौत का बदला लें।’’ मुख्यमंत्री
ने कहा कि इस चुनाव में मारे गए लोगों की संख्या तीन साल पहले हुए पंचायत चुनाव से कहीं अधिक है। उन्होंने
कहा, ‘‘यदि आप चुनाव की शुरुआत होने से लेकर अब तक मारे गए लोगों की कुल संख्या की गिनती करें, तो
करीब 17-18 लोग मारे जा चुके हैं। कम से कम 12 लोग केवल हमारी पार्टी के थे।’’ बनर्जी ने कहा कि निर्वाचन
आयोग को आज हुई घटना को लेकर लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रशासन के प्रभारी नहीं
हैं। आयोग प्रशासन का प्रभारी है।’’ बनर्जी ने कहा, ‘‘उन्होंने वरिष्ठ आईपीएस सुरजीत कार पुरकायस्थ को हटा
दिया। उन्होंने आरपीएफ से कनिष्ठ दर्जे के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं मेरे ओएसडी अशोक चक्रवर्ती को हटा दिया।
फिर भी निर्वाचन आयोग चुनाव की निगरानी के लिए यहां सेवानिवृत्त अधिकारियों को ला रहा है।