व्हाइट हाउस को परमाणु कार्यक्रम पर ईरान से वार्ता के कठिन होने की उम्मीद

asiakhabar.com | April 8, 2021 | 4:39 pm IST

संयोग गुप्ता

वाशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि उसे लग रहा है कि वियना में ईरान के परमाणु कार्यक्रम
पर उससे अप्रत्यक्ष वार्ता मुश्किल और लंबी प्रक्रिया वाली होगी।
यूरोपीय संघ की मध्यस्थता से कराई गई इस परमाणु वार्ता में ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और ईरान के
राजनयिक शामिल हो रहे हैं जो मंगलवार से वियना में शुरू हुई है।
अमेरिका और ईरान ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे मध्यस्थों की मदद से बातचीत शुरू करेंगे जो दोनों देशों को
2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस समझौते के तहत तेहरान के
परमाणु कार्यक्रम को सीमित किया गया था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को इस समझौते से
हटा लिया था।
वियना में अहम बातचीत शुरू होने के बाद, व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी ने अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में
संवाददाताओं से कहा, “हम मानकर चल रहे हैं कि ये वार्ताएं बहुत कठिन होंगी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह
लंबी प्रक्रिया होगी। और हम बस अभी इसकी शुरुआत में हैं।”
विशेष राजदूत रॉबर्ट माले ईरान के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता कर रहे हैं जो यूरोपीय संघ की तरफ से कराई जा रही है।
साकी ने कहा, “वियना में आज भी बातचीत जारी है। यह वार्ता का महज दूसरा दिन है। आपने इसमें शामिल हो
रहे यूरोपीय अधिकारियों में से एक का ट्वीट देखा होगा जिन्होंने कहा, ‘एकता एवं आकांक्षा है’ और यह वार्ता को
लेकर उनकी व्याख्या है।”
साकी ने कहा, ‘‘यह महज शुरुआती रचनात्मक कदम है। हम प्रक्रिया के शुरुआती हिस्से में हैं। जैसा कि आप
जानते हैं, प्रारंभिक मुद्दे जिनपर चर्चा की जाएगी वे अनुपालन के लिए ईरान को फिर से तैयार करने और
अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों से राहत देने वाले कदम दोनों से संबंधित है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें तत्काल कुछ अहम होने की उम्मीद नहीं है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *