नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं होने देने के लिए विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि यह अलोकतांत्रिक है और इस महत्वपूर्ण सुधार कदम को लोगों को समर्थन प्राप्त है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने कहा कि संसद में पिछले कई दशकों में सरकार के विभिन्न फैसलों पर चर्चा हुई है जो समाज पर प्रभाव डालने वाले रहे हैं लेकिन अब नोटबंदी जैसे रचनात्मक निर्णय पर विपक्षी दल सदन में गतिरोध पैदा कर रहे हैं। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने हालांकि यह नहीं बताया कि प्रधानमंत्री ने अतीत के किन निर्णयों का जिक्र किया था। अनंत कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लेसकैश और डिजिटल इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने सांसदों से इसके बारे में वैसी ही जागरूकता फैलाने को कहा जैसा वे चुनाव के समय ईवीएम और मतदाता सूची के बारे में करते हैं। मोदी ने कहा कि जनशक्ति सरकार के नोटबंदी के निर्णय के साथ है। कुछ विपक्षी दल जो कर रहे हैं, वह अलोकतांत्रिक है और इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। भाजपा संसदीय दल ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें विपक्षी दलों की निंदा की गई है और आरोप लगाया गया है कि वे गोल पोस्ट बदल रहे हैं। प्रस्ताव में इस फैसले का समर्थन करने के लिए जनता की सराहना की गई है। इस प्रस्ताव को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पेश किया और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका अनुमोदन किया। प्रस्ताव में विपक्षी दलों से चर्चा चलने देने का आग्रह किया गया है। अनंत कुमार ने संसद में कार्यवाही बाधित करने वाले दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के नाम का उल्लेख किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, कुछ विपक्षी दल ऐसा कर रहे हैं जिसका कोई उपयुक्त कारण नहीं है और यह राजनीतिक एजेंडे के तहत किया जा रहा है। हमने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में बोलेंगे लेकिन वे (विपक्ष) लगातार गोलपोस्ट बदल रहे हैं। संसदीय दल की बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने मंत्रालय के बारे में प्रस्तुति दी जो लेसकैश और डिजिटल लेनदेन के बारे में थी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी बताया कि गोवा सरकार किस प्रकार से इस दिशा में काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में 60 प्रतिशत कार्य कैशलेश हो। बैठक में तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता, वरिष्ठ पत्रकार चो रामास्वामी, आरएसएस के पदाधिकारी एवं पूर्व राज्यपाल भाई महावीर एवं अन्य को श्रद्धांजलि दी गई।