विनय गुप्ता
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने अमेरिकी के जानेमाने शिक्षण संस्थान ‘हार्वर्ड कैनेडी स्कूल’ के
छात्रों के साथ ऑनलाइन संवाद में असम विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक विधायक की कार से ईवीएम
मिलने का भी जिक्र किया।
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलने पर उनकी आर्थिक नीति क्या होगी तो कांग्रेस के पूर्व
अध्यक्ष ने कहा कि वह नौकरियों के सृजन पर जोर देंगे। उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ विकास केंद्रित विचार से नौकरी
केंद्रित सोच की ओर बढ़ूंगा। हमें ग्रोथ की जरूरत है, लेकिन हम प्रोडक्शन, जॉब क्रिएशन और वैल्यू एडिशन को
आगे बढ़ाने के लिए सब कुछ करेंगे।'
अर्थव्यवस्था को गति देने के उपाय से जुड़े सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब सिर्फ एक ही विकल्प है कि लोगों
के हाथों में पैसे दिए जाएं। इसके लिए हमारे पास ‘न्याय’ का विचार है।' कोरोना संकट और लॉकडाउन के असर पर
कांग्रेस नेता ने कहा, ' मैंने लॉकडाउन की शुरुआत में कहा था कि शक्ति का विकेंद्रीकरण किया जाए। लेकिन कुछ
महीने बाद केंद्र सरकार की समझ में आया, तब तक नुकसान हो चुका था।'
कांग्रेस की चुनावी असफलता और आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, 'हम आज ऐसी
अलग स्थिति में हैं जहां वो संस्थाएं हमारी रक्षा नहीं कर पा रही हैं जिन्हें हमारी रक्षा करनी है। जिन संस्थाओं को
निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबले के लिए सहयोग देना है वो अब ऐसा नहीं कर रही हैं।' उन्होंने आरोप लगाया कि
सत्तापक्ष की तरफ से संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि
सत्तापक्ष से लोगों का मोहभंग हो रहा है और यह कांग्रेस के लिए एक अवसर भी है।
राहुल ने कहा, 'अगर नौकिरयां नहीं हैं तो मुझे 9 फीसदी आर्थिक विकास में कोई दिलचस्पी नहीं है।' वायनाड
सांसद ने कहा- 'मौजूदा स्थिति में अगर हमारी वृद्धि देखें, तो हमारे विकास, नौकरी, वैल्यू एडिशन और प्रॉडक्शन
में जो रिश्ता होना चाहिए वह नहीं है। चीनी लोग वैल्यू एडिशन पर ध्यान देते हैं। मैं कभी किसी चीनी नेता से नहीं
मिला जिसने कहा हो कि उसे नौकरियों के निर्माण में कोई दिक्कत हुई।'