सारांश गुप्ता
संयुक्त राष्ट्र। इजराइल में नयी सरकार बनने की प्रक्रिया चलने और फलस्तीन के आगामी
महीनों में चुनावों का सामने करने के मद्देनजर भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस समय का इस्तेमाल
करते हुए इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि दोनों पक्षों को विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के
लिए ‘‘सार्थक बातचीत’’ करने के वास्ते कैसे प्रेरित किया जाए।
इजराइल और फलस्तीन के बीच सीमाओं, शरणार्थियों और यरुशलम के नियंत्रण समेत कई राजनीतिक मुद्दों को
लेकर दशकों से टकराव चल रहा है। इस विवाद का हल निकालने के लिए दो-राष्ट्र के समाधान पर ध्यान केंद्रित
किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बृहस्पतिवार को पश्चिम एशिया (फलस्तीन) पर
सुरक्षा परिषद की वार्ता में कहा, ‘‘भारत, इजराइल और फलस्तीन के बीच सीधी शांति वार्ता पर लगातार जोर देता
रहा है जो दो-राष्ट्र के समाधान के उद्देश्य को हासिल करने के लिए वैश्विक सहमति पर आधारित है।’’ उन्होंने
कहा कि आगामी महीनों में इजराइल में सरकार बनेगी और फलस्तीन में चुनाव होंगे। फलस्तीन में 15 वर्षों में
पहला चुनाव मई में शुरू होना है।
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस वक्त का इस्तेमाल इस बात पर ध्यान केंद्रित करने के लिए करना
चाहिए कि दोनों पक्षों को विवाद का शांतिपूर्ण हल हासिल करने के लक्ष्य में सार्थक बातचीत के लिए कैसे प्रेरित
किया जाए।’’ उन्होंने कहा कि भारत सभी अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करेगा जिसमें राष्ट्रपति महमूद अब्बास
द्वारा बुलाया गया शांति सम्मेलन भी शामिल है।