ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) समेत विभिन्न बहुपक्षीय संगठनों में भारत को सदस्यता दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनएसजी के समक्ष भारत के लंबित आवेदन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने कहा, हम दूसरे देशों के साथ इसे संभव बनाने के लिए कूटनीतिक तरीके से काम कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इससे पहले अगस्त में व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि एनएसजी में भारत की सदस्यता को ट्रंप प्रशासन बेहद महत्वपूर्ण मसला मानता है और अमेरिका भारत के इस प्रयास को ‘‘अधिक सक्रियता से समर्थन’’ देने के तरीकों पर विचार कर रहा है। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की जून में हुई पूर्ण बैठक में इस समूह में सदस्यता हासिल करने के लिए भारत की अर्जी पर कोई निर्णय नहीं हो सका था लेकिन इस बात पर सहमति बनी थी कि परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले देशों को इसमें शामिल करने के मुद्दे पर नवंबर में होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी।
चीन एनएसजी का अहम सदस्य है और वह भारत की सदस्यता पर यह कह कर लगातार अड़ंगा डालता आ रहा है कि भारत ने परमाणु अप्रसार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। चीन के विरोध ने 48 सदस्यों वाले इस समूह में भारत की सदस्यता को मुश्किल बना दिया है क्योंकि सदस्यों की आम सहमति से ही किसी देश को इसमें शामिल करने का प्रावधान है।