गौरव त्यागी
रायपुर। रविवार को प्रसारित रेडियावार्ता लोकवाणी की 16वीं कड़ी में मुख्यमंत्री बघेल
की मातृ शक्ति से माताओं-बहनों और बेटियों के साथ बातचीत का प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने
कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और
आत्मसम्मान के लिए ठोस काम किए हैं। उन्होंने इन क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से
लोकवाणी में चर्चा की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए भर्ती,
पदोन्नति, दस्तावेज की छान-बीन के लिए जो समिति बनाई जाएगी उनमें एक महिला प्रतिनिधि
अनिवार्य रूप से रखने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के लिए आरक्षण की सुविधा सुनिश्चित की
गई है। 26 वर्षों बाद प्रदेश में शिक्षकों की स्थायी भर्ती इसके साथ ही साथ पुलिस कर्मियों की भर्ती की
रूकी हुई प्रक्रिया शुरू की गई है। इनमें भी महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मार्च माह का
लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित मुख्यमंत्री ने मातृ शक्ति का अभिवादन करते हुए कहा कि
दाई, दीदी, बेटी मन ला मोर डहर ले परनाम। लोकवाणी के सब्बो सुनइया मन ला मोर जय जोहार,
नमस्कार, जय सियाराम। चूंकि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस अवसर पर
पूरे देश में महिलाओं के प्रति आदर और उनके अधिकारों को लेकर विचार-विमर्श हुए। इसलिए मार्च माह
का लोकवाणी कार्यक्रम मातृशक्ति को समर्पित किया गया। लोकवाणी की इस कड़ी में बहुत बड़ी संख्या
में माताओं, बहनों और बेटियों ने अपने विचार, अपनी भावनाओं को रिकार्ड किए गए संदेशों के माध्यम
से व्यक्त किया। हिन्दी के अलावा छत्तीसगढ़ी, हल्बी भाषाओं में भी बहनों ने अपने विचार रखे। भूपेश
बघेल ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद जब मुझे पता चला
कि छत्तीसगढ़ में 37.5 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं तो मुझे
बहुत दुःख हुआ। तब हमने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया ताकि कुपोषण और एनीमिया के
खिलाफ एक निर्णायक जंग छेड़ी जा सके। इस लड़ाई में किसी भी तरह से संसाधनों की कमी न आए,
इसके लिए एक ओर जहां विभागों को समन्वय से काम करने के निर्देश दिए, वहीं दूसरी ओर डीएमएफ
की राशि का उपयोग करने की रणनीति अपनाई। मुझे खुशी है कि एक वर्ष में 1 लाख बच्चे, जिसमें
बेटियां अधिक हैं, कुपोषण से मुक्त हुए तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से निजात मिली।
आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में विकसित करने की शुरुआत मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नारी शिक्षा
व सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने तो
आंगनबाड़ी के स्तर से ही शिक्षा की बुनियाद रखने की पहल की है। आमतौर पर आंगनवाड़ी को शिशुओं
के पोषण आहार प्रदाय का केन्द्र माना जाता है, लेकिन हमने आंगनवाड़ी को नर्सरी-प्ले स्कूल के रूप में
विकसित करने का काम शुरू किया है। महात्मा गांधी नरेगा में कन्वरजेंस से आंगनवाड़ी केन्द्रों का
निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में कन्या महाविद्यालय तथा कन्या छात्रावास खोलने का लक्ष्य रखा
है, जहां नहीं है, उसके लिए हमने अपने तीनों बजटों में प्रावधान रखा है। बालिकाओं को जूडो-कराटे का
प्रशिक्षण मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार माध्यमिक विद्यालयों तथा 74 कन्या छात्रावासों में बालिकाओं
को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा स्वच्छता दीदियों
के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। घरेलू हिंसा से संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में नवा बिहान योजना के
तहत संरक्षण अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। शिक्षा का अधिकार के तहत 12वीं कक्षा तक निःशुल्क
शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसका लाभ बालिकाओं को भी मिल रहा है। नए बजट में 9 नवीन कन्या
छात्रावासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। शिक्षकों के भविष्य की सुरक्षा के लिए शुरू की गयी
स्थायी भर्ती राजिम की एकता राजानी ने अपने रिकार्डेड संदेश में कहा कि मुझे शिक्षा विभाग में सेवा का
अवसर मिला है, 26 साल बाद स्थायी भर्ती शुरू हुई। पहले बैच में उनका चयन हुआ है। उन्हें स्थायी
नियुक्ति पत्र भी मिल गया है। झरना धु्रव ने बताया कि वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
देवपुर में भृत्य के पद पर कार्य कर रहें हैं। उन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिली है। एकता और झरना ने
मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रदेश में एक लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी
मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब मैं गांव-गांव का दौरा करता हूं तो
आपका यह उद्बोधन मुझे बहुत रोमांचित करता है, बहुत उत्साह जगाता है। मुझे खुशी है कि छत्तीसगढ़
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत प्रदेश में 20 लाख 2 हजार गरीब परिवारों की एक
लाख 85 हजार महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ गई हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में एक ही
दिन में 3229 बेटियों के विवाह का बना कीर्तिमान भूपेश बघेल ने कहा कि मुझे यह कहते हुए संतोष
होता है कि हमने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामान्य जोड़े के लिए सहायता राशि 15
हजार से बढ़ाकर 25 हजार और दिव्यांगजन के लिए 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये की है। मैं
चाहूंगा कि सभी बेटियां अपने नए घर-संसार में सुखी रहें। उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी 2021 को इस
योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में 3 हजार 229 बेटियों के हाथ पीले किए गए। गोल्डन बुक
ऑफ रिकार्ड में छत्तीसगढ़ के नाम यह कीर्तिमान दर्ज किया गया।