संयोग गुप्ता
वाशिंगटन। अमेरिकी रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि शिनजियांग प्रांत में उईगुर
मुसलमानों के खिलाफ चीन के ‘नरसंहार’ पर अमेरिका जोर-शोर से आवाज उठाता रहेगा। राष्ट्रपति जो बाइडन के
पदभार संभालने के बाद अगले सप्ताह शीर्ष अमेरिकी और चीनी अधिकारियों की रूबरू होने वाली पहली बैठक के
पहले कई सांसदों ने चीन में मानवाधिकार की बदतर स्थिति को लेकर चिंता प्रकट की है। व्हाइट हाउस और विदेश
विभाग ने बुधवार को कहा कि ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान चीन की विदेश नीति विभाग
के शीर्ष अधिकारियों, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख यांग जेइची और स्टेट काउंसलर
एवं विदेश मंत्री वांग यी के साथ 18 मार्च को अलास्का के ऐंकरेज में वार्ता करेंगे। संसद में विदश मामलों की
समिति के सदस्यों को ब्लिंकन ने बताया कि चीन के मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों पर अमेरिका बोलना
जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में हमारा रुख स्पष्ट है और हम इसे नरसंहार, मानवाधिकारों के उल्लंघन
के तौर पर देखते हैं और हम इसके खिलाफ आवाज उठाना जारी रखेंगे।’’ सांसद माइकल मैककॉल ने पूछा था कि
बाइडन प्रशासन इस नरसंहार को रोकने के लिए क्या अतिरक्त कदम उठा रहा है। ब्लिंकन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है
कि हम कई चीजें कर सकते हैं और ऐसा करेंगे भी। सबसे महत्वपूर्ण है कि इस बारे में बोलना जारी रखें और
सुनिश्चित करना होगा कि दूसरे देश भी आवाज उठाएं। चीन सिर्फ हमारी आवाज पर ध्यान नहीं देगा जब तक कि
दुनिया भर से आवाज ना उठे। इसके बाद ही बदलाव की गुंजाइश पैदा होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कई तरह के
कदम उठा सकते हैं। इसके तहत नरसंहार, मानवाधिकार के उल्लंघन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए, पाबंदी
लगायी जाए और वीजा पर भी प्रतिबंध लगाने के विकल्प भी हैं। मुझे लगता है कि अगर चीन दावा करता है कि
कुछ नहीं हुआ है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र को वहां जाने का मौका देना होगा। अगर कुछ छिपाने के
लिए नहीं है तो हमें, दुनिया को दिखाएं।’’