अर्पित गुप्ता
असम , पं. बंगाल, पांडूचेरी, केरल एवं तमिलनाडू सहित देष के इन पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव की
अधिसूचना जारी होते ही राजनीतिक दलों की सरगर्मिया तेज हो गई। इन राज्यों में असम में भाजपा, केरल में
वाम प्रजातांत्रिक राजनीतिक दल, तमिलनाडू में ए आई एम डी एम के, पं बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ताधारी
है। पांडूचेरी में फिलहाल राश्ट्रपति षासन है जहां कांग्रेस सत्ताधारी रही। इन राज्यों में केरल राज्य की 140,
तमिलनाडू की 234, एवं पाडूचेरी की 30 विधानसभा सीट पर 6 अप्रैल को एक चरण में तथा असम की
126 विधानसभा सीट पर 27 मार्च, एक व 6 अप्रैल को तीन चरण में वहीं पं. बंगाल की 294 सीट पर 27
मार्च, 1, 6, 10 ,17, 22, 26 व 29 अप्रैल को आठ चरणों में चुनाव कराये जाने की अधिसूचना चुनाव
आयोग द्वारा जारी की गई है। पं बंगाल में आठ चरणों में होने जा रहे चुनाव को लेकर पं. बंगाल के सत्ताधारी
राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो एवं राज्य की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना विरोध
जताते हुये सीधे तौर पर केन्द्र सरकार पर चुनाव आयोग को पभावित करने का आरोप लगाया है। जिससे
चुनाव आयोग पर निश्पक्ष चुनाव कराने की प्रक्रिया पर आनेवाले समय में विपक्ष के विरोधी तेवर उभर सकते
है। इस तरह के राजनीतिक परिदृष्य में सत्ताधारी अपनी सत्ता को फिर से कायम रखने एवं विपक्ष उसे सत्ता से
अलग कर अपना अधिपत्य स्थापित करने की दिषा में सक्रिय हो चला है। केरल, तमिलनाडू का राजनीतिक
परिदृष्य वहां के क्षेत्रीय राजनीतिक दल के खेमे से बंधा हुआ है। पर पं बंगाल का राजनीतिक परिदृष्य उससे
अलग नजर आ रहा है जहां मुस्लीम मतदाता सत्ता के केन्द zबिन्दु में समाये हुये है। ये मतदाता कभी पूर्णरूप
से कांग्रेस के साथ हुआ करते पर बदलते समय के साथ ये मतदाता क्षेत्रीय राजनीतिक दल से जुड़ते गये
जिससे राज्यों की सत्ता कांग्रेस के हाथ से निकलकर क्षेत्रीय दलों के पास आ गई। अभी अभी बिहार में हुये
बिधान सभा चुनाव में ओवैसी फैक्टर से मुस्लीम मतदाता का बदलता रूख भाजपा को बडी सफलता दे गया।
इस बार पं. बंगाल चुनाव में भी बिहार की तरह ओवैसी फैक्टर उभरने वाला है जिसका सीधा लाभ भाजपा को
मिल सकता है।
भाजपा इस चुनाव में पं. बगाल चुनाव को लेकर विषेश रूप से सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। चुनाव
अधिसूचना जारी होने से पूर्व ही भाजपा इस दिषा में अनेक राजनीतिक यात्रा अब तक कर चुकी है जहां
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में टूट फूट की प्रक्रिया उभरती नजर आ रही है। जहां तृणमूल कांग्रेस के कई दिग्गज
नेता भाजपा का दामन थामे नजर आ रहे है। भाजपा भी पं. बंगाल की सत्ता पर अपना कब्जा जमाने की दिषा
में हर तरह की राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय नजर आने लगी है। इस दिषा में पं. बंगाल के हर क्षेत्र के चर्चित
चेहरे को अपनी ओर खींचने मे लगी हुई है। निष्चित तौर पर वहां का राजनीतिक परिदृष्य सबसे ज्यादा
गरमाया नजर आने लगा है। जहां वर्तमान सत्ताधारी राजनीतिक दल टीएमसी की बौखलाहट भी नजर आने लगी
है। केन्द्र में भाजपा नेतृत्व वाली एन डी ए की सरकार भी फिलहाल सत्ता में चल रही है। जिसका राजनीतिक
लाभ भाजपा पूणरूपेण उठाना चाहेगी। जिसे नकारा नहीं जा सकता।