कई मर्ज की बेमिसाल दवा अदरक

asiakhabar.com | February 3, 2021 | 5:48 pm IST
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सुरेंदर कुमार चोपड़ा

औषधीय गुणों से भरपूर अदरक महज सर्दी खांसी की नहीं है, बल्कि कई बीमारियों की बेमिसाल दवा भी है। आम
घरों की रसोई में पाया जाने वाला अदरक एक बेमिसाल और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आयुर्वेद में भी
अदरक का खूब जिक्र है। अब तक आपने महज सर्दी खांसी के लिए अदरक के कारगर होने की बात सुनी होगी
लेकिन अब जानिए अदरक के कुछ और अनोखे गुणों के बारे में कि कैसे आदिवासी लोग अदरक का उपयोग तमाम
देसी नुस्खों के लिए करते हैं।
दस्त होने की हालत में कच्चे अदरक को हर 2-2 घंटे के अंतराल से चबाया जाए तो बहुत जल्द आराम मिलता है।
जिन लोगों का वजन कम है और मोटा होने की चाहत है, उन्हें भोजन से 15 मिनट पहले अदरक का एक टुकडा
जरूर चबाना चाहिए, आदिवासियों के अनुसार अदरक खाने से भूख बढ़ती है। ताजे अदरक को पीसकर या कुचलकर
लेप तैयार लें। इसमें थोड़ा कपूर भी मिलाकर सूजन और दर्द वाले अंगों पर लगाया जाए तो काफी आराम मिलता
है।
मोच आ जाए तो अदरक का लेप लगाकर रखा जाए, जब लेप सूख जाए तो इसे साफ करके गुनगुने सरसों के तेल
से मालिश करनी चाहिए, दिन में दो बार दो दिनों तक किया जाए, मोच का असर खत्म हो जाता है। दांतों में दर्द
होते समय अदरक के छोटे टुकड़े दांतों के बीच में दबाकर रखने से दांतों में होने वाला दर्द खत्म हो जाता है, सूखे
अदरक या सोंठ के चूर्ण में थोड़ा सा लौंग का तेल मिलाकर दांतों पर लगाया जाए तो दर्द छूमंतर हो जाता है। दो
चम्मच कच्ची सौंफ और 5 ग्राम अदरक एक गिलास पानी में डालकर उसे इतना उबालें कि एक चैथाई पानी बच
जाए। एक दिन में 3-4 बार लेने से पतला दस्त ठीक हो जाता है।
गैस और कब्ज में भी लाभदायक होता है। गाउट और पुराने गठिया रोग में अदरक एक अत्यन्त लाभदायक औषधि
है। अदरक लगभग (5 ग्राम) और अरंडी का तेल (आधा चम्मच) लेकर दो कप पानी में उबाला जाए कि आधा शेष
रह जाए। प्रतिदिन रात्रि को इस द्रव का सेवन लगातार किया जाए तो धीरे-धीरे तकलीफ में आराम मिलना शुरू हो

जाता है। आदिवासियों का मानना है कि ऐसा लगातार 3 माह तक किया जाए तो पुराने से पुराना जोड़ दर्द भी
छूमंतर हो जाता है।


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