नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को उच्च सदन के
सदस्यों को सदन की कार्यवाही की मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग करने पर आगाह करते हुए कहा कि ऐसी
अनधिकृत रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया पर उसका प्रसार संसदीय विशेषाधिकरों का हनन और सदन की
अवमानना हो सकता है। ज्ञात हो कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को कृषि विधेयकों को लेकर सदन में हो
रहे हंगामे को अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया और उन्हें सोशल मीडिया पर साझा भी किया। कुछ चैनलों ने
इन्हें प्रसारित भी किया। सदन की कार्यवाही बुधवार को आरंभ होते ही सभापति नायडू ने कहा कि संसदीय
नियमों के मुताबिक राज्यसभा कक्ष में सैल्यूलर फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उन्होंने किसी का
नाम लिए बगैर कहा, ‘‘ऐसा महसूस किया गया है कि कुछ सदस्य कक्ष में बैठकर सदन की कार्यवाही को
अपने मोबाइल के कैमरों में रिकॉर्ड कर रहे हैं। यह संसदीय शिष्टाचार के खिलाफ है और सदस्यों से इसकी
अपेक्षा नहीं की जाती।’’ उन्होंने कहा कि सदस्यों को कक्ष में ऐसी ‘‘अवांछित’’ गतिविधियों से बचना चाहिए।
सभापति ने कहा, ‘‘ऐसी अनधिकृत रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया पर उनका प्रसार संसदीय विशेषाधिकारों के
हनन और सदन की अवमानना के दायरे में आ सकता है।’’ उन्होंने कहा कि मीडिया के जिस वर्ग ने इन
वीडियो रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल किया, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे ऐसा ना करें। नायडू ने कहा, ‘‘यह
अधिकृत नहीं है। इसके इस्तेमाल के परिणामों के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि
सदस्य इन नियमों का पालन करेंगे और सदन की गरिमा को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सदन के नियमों के
प्रति सदस्यों को ईमानदार होना है। इसलिए उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। मैं उम्मीद करता हूं कि सभी
सदस्य नियमों का पालन करेंगे।’’